सुप्रीम कोर्ट भूमि इस्तेमाल में बदलाव को चुनौती देने वाली याचिका पर 16 नवंबर को सुनवाई करेगा। न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर और न्यायमूर्ति सी टी रविकुमार की पीठ को बताया गया कि केंद्र ने इस याचिका पर जवाब देते हुए हलफनामा दाखिल किया है, जिसके बाद पीठ ने मामले की सुनवाई स्थगित कर दी।
सितंबर 2019 में घोषित सेंट्रल विस्टा पुनर्विकास परियोजना में 900 से 1200 सांसदों के बैठने की क्षमता वाले एक नए त्रिकोणीय संसद भवन की परिकल्पना की गई है, जिसका निर्माण अगस्त, 2022 तक किया जाना है, जब देश अपना 75वां स्वतंत्रता दिवस मनाएगा। वहीं, राष्ट्रीय राजधानी में राष्ट्रपति भवन से इंडिया गेट तक तीन किलोमीटर की दूरी को कवर करने वाली परियोजना के तहत 2024 तक साझा केंद्रीय सचिवालय का निर्माण किया जाना है।
याचिकाकर्ता की ओर से पेश वकील ने कहा था कि जहां तक मनोरंजन क्षेत्र को आवासीय में बदलने का संबंध है, अधिकारियों ने कोई जनहित नहीं दिखाया है। केंद्र की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने पीठ को बताया था कि भूखंड पर उपराष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के लिए सरकारी आवास निर्धारित हैं। मेहता ने कहा कि मनोरंजक क्षेत्र को स्थानांतरित किया जा सकता है, लेकिन उन्होंने वहां संसद बनने के कारण सुरक्षा संबंधी चिंताओं का जिक्र भी किया।