म्यामां से रोहिंग्या शरणार्थियों के पलायन के बाद दुनिया के निशाने पर आयीं म्यामां नेता आंग सान सू ची ने आज कहा कि उनका देश अंतरराष्ट्रीय जांच से नहीं डरता। उन्होंने विश्व को बताया कि पिछले एक महीने से भी कम समय में रोहिंग्या मुस्लिमों के गांवों को फूंकने और सैंकड़ों लोगों की हत्या किए जाने की वजह से तकरीबन 412,000 रोहिंग्या बांग्लादेश भाग गए हैं लेकिन फिर भी मुस्लिमों की ‘‘बड़ी आबादी’’ संकटग्रस्त क्षेत्र में रह रही है और ‘‘उनके 50 फीसदी से ज्यादा गांव सही सलामत हैं।’’ 25 अगस्त को म्यामां के सुरक्षा बलों पर रोहिंग्या उग्रवादियों के हमले के बाद हुई हिंसा से नोबेल पुरस्कार विजेता सू ची की वैश्विक छवि को नुकसान पहुंचा है। सेना की कार्रवाई में रोहिंग्या अपने गांवों को छोड़कर भाग गए। जब वे अपने गांवों को छोड़कर गए तो उनके कई गांवों को आग लगा दी गई। सरकार ने इसके लिए रोहिंग्या को ही जिम्मेदार ठहराया है लेकिन पीड़ित समुदाय के सदस्यों ने कहा कि सेना और बौद्ध लोगों ने उन पर हमला किया है।
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