भारतीय चिंतन सर्वाधिक उदार है। इसमें सर्वे भवन्तु सुखिनः की कामना गई। सर्वे भवन्तु सुखिनः सर्वे सन्तु निरामयाः। सर्वे भद्राणि पश्यन्तु मा कश्चिद् दुःखभाग्भवेत्।। अर्थात- सभी सुखी होवें, सभी रोगमुक्त रहें, सभी मंगलमय घटनाओं के साक्षी बनें और किसी को भी दुःख का भागी न बनना पड़े। इस विचार को ...
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