जालोर/राजस्थान। ‘न हो कमीज़ तो पांव से पेट ढक लेंगे, ये लोग कितने मुनासिब हैं इस सफ़र के लिए.’ ‘दुष्यंत कुमार’ का यह शेर राजस्थान के जालोर जिला स्थित बागरा कस्बे में बदहाली का जीवनयापन कर रहे गाड़िया लोहार समुदाय की कहानी को बयां करता है. कड़ाके की ठंड में ...
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