लखनऊ। राजा हो तो भर्तृहरि ऐसा और स्त्री हो तो देशहित चाहते वाली चम्पा जैसी। एक करुणामय प्रजा पालक राजा और एक देशभक्त ममतामयी नारी के भावों को दर्शाने वाली लेखक हुकुमचन्द वार्ष्णेय की लिखी नौटंकी महाराजा भर्तृहरि को बुन्देलखण्ड लोक कला संस्थान बांदा के कलाकारों ने विजय बहादुर श्रीवास्तव की ...
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