पुटुस से पटे हुए सड़क के दोनों किनारे। मुख्य दरवाजे पर बारिश से भीगा तोप। अंदर घुसते ही, बाईं तरफ छोटी-छोटी दकानें, जो एक बोर्डिंग स्कूल में रह रहे बच्चोँ की छोटी-बड़ी जरूरतों को पूरा करने का सामर्थ्य रखते थे। मसलन टेलीफोन पीसीओ, नाई की दकान, जनरल स्टोर, स्टेशनरी शॉप, ...
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