रिपोर्ट-डॉ.दिलीप अग्निहोत्री भारतीय दर्शन में जीवन का चौथा चरण सन्यास आश्रम होता है। लेकिन आध्यात्मिक प्ररेणा से किसी भी अवस्था में सन्यास ग्रहण किया जा सकता है। इस परम्परा में बालक, युवा और वृद्ध सभी लोग सम्मिलित है। हमारी परंपरा में इस प्रकार के सन्यास जीवन पर अमल करने वाले ...
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