प्रचीन भारत के ऋषियों ने सभी के लिए जीवेत शरदः शतम की कामना की थी,अच्छे सवास्थ्य को सबसे बड़ी पूंजी बताया था। इसके लिए आहार,विहार,योग,यम,प्राणायाम का मंत्र दिया। उस अनाज के सेवन का सन्देश दिया,जिसे मोटा अनाज नामकरण से उपेक्षित किया गया। प्रकृति के निकट रहने,उसके संरक्षण व संवर्धन के ...
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