प्रचीन भारत के ऋषियों ने सभी के लिए जीवेत शरदः शतम की कामना की थी,अच्छे सवास्थ्य को सबसे बड़ी पूंजी बताया था। इसके लिए आहार,विहार,योग,यम,प्राणायाम का मंत्र दिया। उस अनाज के सेवन का सन्देश दिया,जिसे मोटा अनाज नामकरण से उपेक्षित किया गया। प्रकृति के निकट रहने,उसके संरक्षण व संवर्धन के सुझाव दिया। गौ दुग्ध का महत्व बताया। इसलिए गौ सेवा का मंत्र दिया। आधुनिकता की दौड़ में यह सभी विचार पीछे छूटते गए,बीमारियां बढ़ती गई,शरीर की प्रतिरोधक क्षमता कम होती गई। लेकिन समय के साथ दुनिया को इस भूल का अनुभव भी हो रहा है। वह इस समस्या से निकलना चाहते है। लेकिन उनके पास इसका समाधान नहीं है।
ऐसे में भारत की ओर सबका ध्यान आकृष्ट हो रहा है। अब लोग उसी वही मोटा अनाज प्रमुख होता जा रहा है। आयुर्वेद के सूत्र उपयोगी लग रहे है। हल्दी सहजन तुलसी,काढ़ा,गाय का दूध,योग आदि बहुत कुछ अब आधुनिक जीवन शैली की पहचान बनते जा रहे है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने योग के प्रति दुनिया को जागरूक किया। अंतरराष्ट्रीय योग दिवस दुनिया को प्रेरणा दे रहा है। इसी प्रकार मोदी ने फिट इंडिया अभियान शुरू किया था। इसके अंतर्गत देश में अनेक कार्यक्रम व योजनाएं चलाई गई। कोरोना संकट में प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने पर बल दिया जा रहा है। फिर वही भारतीय विचारों को उपयोगी माना जा रहा है। ऐसे ही एक ऑनलाइन कार्यक्रम के माध्यम से मोदी ने भारत ही नहीं दुनिया को सन्देश दिया है। जब वह कहते है कि मैं सहजन का नियमित सेवन करते है,जब उनकी मां हल्दी सेवन की हिदायत देती है,तब यह दुनिया के लिए सन्देश होता है। क्योंकि यह उनका विचार मात्र नहीं है। बल्कि यह प्राचीन भारत के आयुर्वेद का निर्देश है। जिसपर अमल करके प्रतिरोधक क्षमता बढाई जा सकती है।
नरेंद्र मोदी ने देश के सभी नागरिकों को फिटनेस व प्रतिरोधक क्षमता के प्रति सजग रहने का आग्रह किया। कहा कि कोरोना महामारी के दौरान फिटनेस की खुराक अधिक कारगर है। हर दिन आधा घंटे का फिटनेस डोज हमारे स्वस्थ शरीर और दिमाग के लिए जरूरी है। मोदी के सूर्य नमस्कार वीडियो को बहुत पसंद किया गया। इससे लोगों को प्रेरणा भी मिल रही है। मोदी ने ईट लोकल, थींक ग्लोबल का सूत्रवाक्य दिया। यह उनके वोकल से लोकल अभियान पर ही आधारित है।
उन्होंने कहा कि कोरोना काल में मैं जब भी अपनी मां से बात करता हूं तो वो कहती हैं कि तो हल्दी का सेवन करता है कि नहीं। मोदी ने बताया कि वह पहले भी सहजन के पराठे खाते थे, आज भी सप्ताह में एक दो बार सेवन करता हूं। पोषण विशेषज्ञ रुजुता दिवेकर ने भी मोदी की बात को आगे बढ़ाया। कहा कि ईट लोकल में स्वास्थ्य का विचार शामिल है। लोकल फूड्स का सेवन करने से उस क्षेत्र का किसानों के साथ साथ हम स्वास्थ्य को संतुलन में ला सकते हैं। घी अमेरिका में सबसे ज्यादा खोजा जाने वाला शब्द है।
जो गांव के घर-घर का प्रोडक्ट है। दादी नानी के नुस्खे को आज विज्ञान सही मान रहा है। जिसका सदियों पहले से वर्णन हो चुका है। लोग इस्तेमाल भी कर रहे हैं। हल्दी स्वास्थ्य के लिए काफी अच्छा होता है। फिट इंडिया आंदोलन लोगों को फिटनेस के बारे में समझने का बहुत बड़ा अभियान है। इस संवाद में विराट कोहली,मिलिंद सोमन अफशां आदि अनेक लोग शामिल हुए।