एक दौर होता था उसका भी कभी। आतुरता से उसका इंतजार था। उत्कंठा भरा। उतावलेपन की हद तक। व्याकुलता समाए। तब अभिसार फिर परिरंभन की उत्फुल्ल्ता होती थी। क्या था वह ? बस पत्र की प्रतीक्षा ! उसी युग का सादा, सीधा, सरल माध्यम था सूचना व समाचार का। एक ...
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