किसी देश का इससे बड़ा दुर्भाग्य क्या हो सकता है कि जिस देश के कण-कण में प्रभु राम वास करते हो और जहां गांधी जैसे महात्मा गांधी, अनेको अनेक संत पुरूष और तमाम बड़े नेतागण पुनः राम राज की कल्पना को साकार होते देखना चाहते हों, वहां आजादी के बाद ...
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