तसल्ली न जाने क्यों अजीब सी ख़ामोशी है, चेहरे पर हंसी मगर आंखों में नमी सी है। यूं तो हजारों की भीड़ है मेरे आस पास, लेकिन तुम नहीं हो तो इक कमी सी है। सांसों का आना जाना जारी है मगर, तुम्हारे बिना मेरी धड़कनें थमी सी हैं। आजकल ...
Read More »तसल्ली न जाने क्यों अजीब सी ख़ामोशी है, चेहरे पर हंसी मगर आंखों में नमी सी है। यूं तो हजारों की भीड़ है मेरे आस पास, लेकिन तुम नहीं हो तो इक कमी सी है। सांसों का आना जाना जारी है मगर, तुम्हारे बिना मेरी धड़कनें थमी सी हैं। आजकल ...
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