‘बिस्मिल’ का क्रांति और कलम से समान रिश्ता था, उन्होंने कई पुस्तकें भी लिखी। अपनी शहादत से 02 दिन पूर्व तक बिस्मिल गोरखपुर के जेल अधिकारियों की नजर बचाकर जिस आत्मकथा को लिपिबद्ध करते रहे, उसमें कमाल पाशा का बहुत सम्मान के साथ जिक्र है। कमाल पाशा के प्रति बेहद ...
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