आदरणीय लाल जी टण्डन अब हमारे बीच नहीं है। उन्होंने अपनी पुस्तक अनकहा लखनऊ में अनेक तथ्य उजागर किये थे। मिलनसार होना लखनऊ के चिर परिचित मिजाज रहा है। लाल जी टण्डन की जीवन शैली इसी के अनुरूप थी। तरुण अवस्था में वह राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ से जुड़े। यहीं ...
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