शब्द शब्दों का कोई नाम नहीं ये किसी के गुलाम नहीं जब चाहे आ जायें मुख पे इन पे कोई लगाम नहीं इनकी रचना किसने की लगे उसे कोई काम नहीं कोई ना रोके टोके इनको तभी फिरे सरेआम यूँ ही टकराकर बस गिर ही जायें लगते नहीं ये जाम ...
Read More »शब्द शब्दों का कोई नाम नहीं ये किसी के गुलाम नहीं जब चाहे आ जायें मुख पे इन पे कोई लगाम नहीं इनकी रचना किसने की लगे उसे कोई काम नहीं कोई ना रोके टोके इनको तभी फिरे सरेआम यूँ ही टकराकर बस गिर ही जायें लगते नहीं ये जाम ...
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