ककुवा ने प्रपंच का अगाज करते हुए कहा- सांचु कही तौ आजु परपंचु करय क हमार तनुकव मन नाइ हय। बसि, जीव यहै कहत हय कि उठाई साइकिल अउ सगरी जवार घूमी। घर-घर अउ गांव-गांव तिरंगा लहरात देखि। लोगन केरी आँखिन म राष्ट्रभक्ति हिलोर लेत देखि। हम काल्हि शुक का ...
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