मध्यप्रदेश में बसोर समुदाय (Basor community) के लोग अपना पुश्तैनी काम बांस से डलिया, छबड़ी, सूपा, पंखा, टपरी, टपरा, कुर्सी, झूला, झटकेड़ा, फर्नीचर,फूलदान और टोपली आदि बनाना छोड़कर मजदूरी करने लगे हैं. ऐसा इसलिए, क्योंकि इनके बनाये बांस की ईको फ्रेंडली सामग्रियों की जगह तेजी से प्लास्टिक की बनी सामग्रियों ...
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बिनॉय पॉल की कला में है असम की मूर्तिशिल्प और संस्कृति की झलक- वंदना सहगल
लखनऊ। मंशहर के माल एवेन्यू में स्थित होटल लेबुआ के सराका आर्ट गैलरी में असम के युवा मूर्तिकार डॉ बिनॉय पॉल (Dr. Binoy Paul) के पेपर पल्प और बांस से तैयार 20 लघु मूर्तिशिल्पो की एकल प्रदर्शनी शीर्षक “द टेल ऑफ़ मैजिकल बिंग्स” लगायी गयी। जिसका उद्घाटन मुकेश मेश्राम (Mukesh ...
Read More »भारतीय चित्रकला की एक प्रमुख शैली है मिथिला चित्रकला
हमे अपने लोककलाओं के महत्व को समझना होगा और उनके विकास और संरक्षण मे अपना योगदान देना होगा। लखनऊ। भारत को अपनी समृद्ध विरासत, संस्कृति और परंपराओं के लिए जाना जाता है। इस विशालतम देश में हजारों संस्कृतियों और लोक कलाओं ने जन्म लिया है लेकिन संरक्षण और देखरेख के ...
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