गाजीपुर। माफिया मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) को 14 साल पुराने हत्या के प्रयास के एक मामले में बड़ी राहत मिल गई है। साक्ष्य के अभाव में गाजीपुर की एमपी-एमएलए कोर्ट ने मुख्तार अंसारी को बरी कर दिया है।
मुख्तार के खिलाफ मुहम्मदाबाद थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया था। एमपी-एमएलए कोर्ट के जज दुर्गेश कुमार ने पर्याप्त साक्ष्य न होने पर मुख्तार को दोष मुक्त कर दिया। इस दौरान बांदा जेल से मुख्तार अंसारी वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए पेश किया गया।
वर्ष 2009 में मुहम्मदाबाद निवासी मीर हसन ने परसही निवासी सोनू यादव पर हत्या के प्रयास का मुकदमा दर्ज कराया था। पुलिस ने मामले की विवेचने का बाद इस मामले में मुख्तार अंसारी को सह आरोपी बनाते हुए मुहम्मदाबाद थाने में 120बी के तहत मुकदमा दर्ज किया था। इस मामले में सोनू यादव दोषमुक्त हो चुका है।
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मुख्तार अंसारी के विरुद्ध विचारण एमपी-एमएलए कोर्ट के जज दुर्गेश की अदालत में चल रहा था। पिछली तिथि पर मुख्तार की तरफ से वकील ने लिखित बहस प्रस्तुत की थी। मौखिक बहस छह मई को न्यायालय में आरोपी की ओर से की गई थी। इसके बाद बुधवार को एमएपी एमएलए कोर्ट ने फैसला सुनाया।
वहीं, करंडा थाना क्षेत्र के ग्राम सबुआ निवासी कपिलदेव सिंह की हत्या और मुहम्मदाबाद के मीर हसन की हत्या के प्रयास के मामले में आरोपी मुख्तार अंसारी के विरुद्ध करंडा थाने में गैंगस्टर अधिनियम के अंतर्गत मुकदमा पंजीकृत कराया गया था। इन दोनों मामलों को गैंग चार्ट में शामिल किया गया था।
हालांकि इन दोनों मामलों में से आरोपी मुख्तार अंसारी कपिल देव सिंह (Kapil Dev Singh) की हत्या के मामले से दोषमुक्त हो चुके हैं। वहीं हत्या प्रयास के मामले में भी उन्हें कोर्ट ने दोष मुक्त कर दिया है। इस मामले में फैसले के लिए 20 मई की तिथि मुकर्रर की गई है।
मुख्तार अंसारी के अधिवक्ता लियाकत अली ने बताया कि जिस दौरान मुख्तार को इस मामले में सह आरोपी बनाया गया था वह जेल में बंद थे। ऐसे में कोर्ट ने मामले में पर्याप्त साक्ष्य नहीं मिलने पर मुख्तार अंसारी को आरोप से दोष मुक्त कर दिया।