लखनऊ। आज लखनऊ विश्वविद्यालय के नवीनीकृत टैगोर पुस्तकालय (केंद्रीय पुस्तकालय) का कुलपति प्रो आलोक कुमार राय ने उद्घाटन किया। इसके साथ ही टैगोर पुस्तकालय एक नए स्वरूप में अपने पाठकों को सेवाएं देने के लिए तैयार है।
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आधुनिक कैटलॉग सिस्टम के साथ स्वचलित उपस्थिति एवं एक साथ 360 उपयोगकर्ताओं हेतु रीडिंग रूम की व्यवस्था की गई है। रीडिंग रूम में छात्रों के अध्ययन करने के लिए बैठने हेतु अच्छी व्यवस्था के साथ उनके टेबल पर ही प्रकाश की व्यवस्था करवा दी गई है। पूर्व में दीवारों पर लगे ट्यूबलाइट के जरिए ही प्रकाश की सुविधा थी। पंखों और खिड़कियों से हाल को और बेहतर हवादार बनाने का प्रयास किया गया है।
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पुस्तकालय की सेवाओं को सुगम बनाने की दृष्टि से नए इशू रिटर्न्स काउंटर का निर्माण किया गया है। पुस्तकालय के आर्ट गैलरी में रखी गयी दुर्लभ कलाकृति विभाग में रखे हुए प्राचीन काल की दुर्लभ एवं ऐतिहासिक कलाकृतियों को जन सामान्य हेतु भी उपलब्ध कराया जाएगा।
पुस्तकालय में वर्तमान अत्याधुनिक तरीको द्वारा दी जाने वाली सेवाओं जैसे साइबर लाइब्रेरी, ऑन लाइन पब्लिक एक्सेस कैटलॉग, ई रिसोर्सेज, ऑटोमेटेड अटेंडेंस सिस्टम को और अधिक सुदृढ़ बंनाने हेतु नई आधुनिक तकनीकी का प्रयोग किया जाएगा।
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आज टैगोर पुस्तकालय में रविन्द्र नाथ टैगोर की प्रतिमा की भी स्थापना की गयी, जो वास्तव में इस पुस्तकालय को अपनी पहचान देती है। आज इस प्रतिमा का अनावरण कुलपति द्वारा किया गया।
यह प्रतिमा 10 फीट 6 इंच ऊंची और लगभग 5 फीट चौड़ी स्टोन फाइबर से निर्मित है। इसी के साथ टैगोर के जीवन से जुड़े विश्वस्तरीय साहित्य को एकत्रित कर एक अलग कार्नर तैयार किया जाएगा जो रविन्द्र नाथ टैगोर पर शोध कर रहे शोधार्थियों हके लिए अत्यंत उपयोगी साबित होगा।