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दस्तक अभियान के दौरान घर-घर खोजे जाएंगे टीबी मरीज

• 16 से 31 जुलाई तक पूरे प्रदेश में चलेगा दस्तक अभियान

लखनऊ। प्रदेश में पूरे जुलाई माह चलने वाले विशेष संचारी रोग नियंत्रण अभियान के तहत 16 से 31 जुलाई तक दस्तक अभियान चलाया जाएगा। इसके तहत संचारी रोगों के साथ ही टीबी मरीजों की भी पहचान की जायेगी। फ्रंटलाइन वर्कर व स्वास्थ्य कर्मी घर-घर जाकर संभावित टीबी रोगियों या लक्षण वाले मरीजों की सूची तैयार करेंगे। सीनियर ट्रीटमेंट सुपरवाइजर (एसटीएस), सीनियर टीबी लैब सुपरवाइजर (एसटीएलएस) और टीबी हेल्थ विजिटर (टीबी एचवी) ब्लाक मुख्यालय से यह सूची प्राप्त कर संभावित रोगियों से सम्पर्क करेंगे और बलगम को जांच के लिए भेजेंगे।

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संयुक्त निदेशक राज्य क्षय नियन्त्रण कार्यक्रम अधिकारी डॉ शैलेन्द्र भटनागर ने इस बारे में प्रदेश के सभी जिला क्षय रोग अधिकारियों को पत्र जारी कर आवश्यक दिशा निर्देश प्रदान किये हैं। पत्र के मुताबिक़ राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के अनुसार जाँच माइक्रोस्कोपी, ट्रूनाट या सीबीनाट के माध्यम से करायी जाए। निक्षय पोर्टल पर सभी पाजिटिव या निगेटिव रिपोर्ट को दर्ज किया जाए। टीबी पाजिटिव रोगी की ब्लड शुगर, यूडीएसटी और एचआईवी की जांच कराकर जल्द से जल्द निक्षय पोर्टल पर डाटा अपडेट किया जाए।

बलगम जांच में निगेटिव पाए गए लक्षण वाले मरीजों का एक्स-रे कराया जाए। पाजिटिव मरीजों का इलाज रिपोर्ट आने के 48 घंटे के भीतर शुरू करते हुए निक्षय पोषण योजना से सम्बद्ध किया जाए। संचारी रोग नियन्त्रण अभियान और दस्तक अभियान के लिए आयोजित होने वाले प्रशिक्षण सत्र के दौरान राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के बारे में भी प्रशिक्षित किया जाए।

दस्तक अभियान के दौरान आशा कार्यकर्ता द्वारा जिन भी संभावित क्षय रोगियों को चिन्हित किया जाता है और उनमें मरीज टीबी पाजिटिव पाया जाता है तो 500 रूपये प्रति मरीज आशा कार्यकर्ता को दिया जाएगा। इस अभियान के तहत जो भी टीबी मरीज पाए जाते हैं उनको लैब रजिस्टर और टीबी नोटिफिकेशन रजिस्टर के रिमार्क कालम में दस्तक अभियान दर्ज किया जाएगा।

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