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जिला स्तरीय बैठकों में किये जाते हैं आमंत्रित
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कौमी एकता कायम कराने के लिए मुख्यमंत्री से हो चुके हैं सम्मानित
जमुई। समाज में रहते हुए समुदाय के हित में कुछ अलग कर गुजरने की चाहत ही मानवता का सर्वोपरि गुणों में से एक है। इसी चाहत के धनी हैं जिले के महिसौड़ी प्राथमिक विद्यालय के शिक्षक हिफजुर रहमान। इन्होंने कोरोना के शुरुआती संक्रमण काल से अभी तक अपने प्रयासों से करीब आठ सौ लाभार्थियों को टीके लगवा चुके हैं। इतना ही नहीं अपने घर को लगातार टीकाकरण के लिए देने में गौरवान्वित महसूस करते हैं। ये लोगों को जागरूक करने के लिए कहते हैं अल्लाह ने कभी नहीं कहा है कि किसी भी बीमारी से बचाव के लिए टीके ना लगवाओ। इसके लिए अपने परिवार के सदस्यों के साथ मोहल्ले के घर-घर जाकर टीके संबधी भ्रांतियों को दूर करने के कार्य करते हैं तथा नमाज़ के पूर्व और बाद में लोगों को टीके के महत्व को समझाते हैं। इसी क्रम में ये जोड़ते हैं इसके लिए हमने जिले स्तर पर बैठक में स्वतः जिम्मेवारी ली और निभाने का प्रयास किया हूँ। मुझे सबसे अधिक ख़ुशी तब हुई जब हमारे देखा देखी और गांवों के मस्जिदों के परिसर में टीके के लिए लाभार्थियों को जागरूक किया गया और टीके लगे।
मुख्यमंत्री से हो चुके हैं सम्मानित : ज्ञातव्य हो जिले में पिछले वर्ष कुछ लोगों ने सांप्रदायिक तनाव को बढ़ाने का दुस्शाहस किया था। वहीं हिफजुर रहमान ने दोनों समुदाय के बीच सुलह कराने में भूमिका निभायी थी। उन्हें कौमी एकता को कायम कराने के लिए बिहार पुलिस पारितोषिक सम्मान -2021 के लिए मुख्यमंत्री के हाथों सम्मानित किया गया है। इनके ऐसे प्रयासों पर जिले के एपिडेमियोलॉजिस्ट शमीम अख्तर ने बताया हिफजुर रहमान ने सभी समुदाय के लोगों को जागरूक कर कोविड-19 के टीकाकरण कराने में महती भूमिका अदा की है। इनके जैसे व्यक्तित्व से समाज के अन्य लोगों को सीख लेने की आवश्यकता है।
वर्तमान आंकड़ों के अनुसार जिले में लगभग 12 लाख लाभार्थियों में से 9 लाख तक टीके की पहुँच संभव हो सकी है। जिले के सिविल सर्जन डॉ. अजय कुमार भारती कहते हैं हिफजुर रहमान जैसे जागरूक शिक्षक ने कोविड-19 के टीकाकरण के लिए लोगों को जगाया है यह सराहनीय है।