देव उठावनी एकादशी के बाद से शादियों का सीजन शुरू हो जाता है. भारत एकमात्र ऐसा देश है, जहां शादियां भी त्योहार की तरह होती हैं. कोरोना वायरस महामारी के मद्देनजर सरकार ने शादियों में कई प्रतिबंध लगाए हैं. गाइडलाइन के अनुसार शादी समारोह में अधिकतम 200 लोग ही शामिल हो सकेंगे.
राज्य सरकारें मेहमानों की संख्या को अपने हिसाब से 100 या इससे और कम भी कर सकती हैं. दिल्ली सरकार ने कोरोना के बढ़ते मामलों के कारण शादी में आने वाले मेहमानों की संख्या 50 कर रखी है. इनमें मेहमानों के अलावा फोटोग्राफर, वीडियोग्राफर भी शामिल हैं. केवल केटरिंग वालों को 100 में नहीं गिना जाएगा.
शादियों में मेहमानों की संख्या पर नजर रखने के लिए अलग-अलग शहरों में टीमें तैयार की गई हैं. शादी में 100 लोगों से अधिक व्यक्ति पाए गए तो, आयोजनकर्ता पर 25 हजार रुपये का जुर्माना लगेगा.
इसके साथ ही महामारी अधिनियम का उल्लंघन करने, मानव जीवन को संकट में डालने के तहत एफआईआर दर्ज कर मुकदमा चलाया जाएगा. इस संबंध में सभी मजिस्ट्रेट और क्षेत्र के अधिकारियों को आवश्यक निर्देश जारी कर दिए गए हैं.
उत्तर प्रदेश के मेरठ में शादी समारोह के दौरान कोविड-19 गाइडलाइंस का पालन न करना, सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ाना परिवारवालों को भारी पड़ गया. यहां दूल्हा-दुल्हन के पिता के साथ ही गेस्ट हाउस के मालिक के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज कर लिया गया है.
एएसपी कैंट ईरज राजा का कहना है कि शादी समारोह के दौरान बैंड वगैरह मिलाकर 100 से अधिक संख्या नहीं होनी चाहिए, लेकिन यहां तीन 300 से 350 लोग पाए गए. लिहाज़ा ये कार्रवाई की गई है.