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मुस्लिम धर्मगुरु ने कोरोना पर दिया बेतुका बयान

विवादास्पद मुस्लिम धर्मगुरु इलियास शराफुद्दीन ने कोरोना वायरस को लेकर बेतुका बयान दिया है। उसने कहा है कि उइगुर मुसलमानों से क्रूरता करने की सजा के लिए अल्लाह ने चीन पर इस वायरस को भेजकर दंडित किया है। एक ऑडियो में इलियास ने वायरल प्रकोप को चीन को दी गई अल्लाह की सजा करार दिया, जिसकी वजह से 150 के करीब लोगों को मौत हो चुकी है और करीब 5700 से ज्यादा लोग संक्रमित हैं।

याद करो कि कैसे उन्होंने मुसलमानों को धमकी दी थी और दो करोड़ मुसलमानों की जिंदगी बर्बाद करने की कोशिश की। मुसलमानों को शराब पीने के लिए मजबूर किया गया, उनकी मस्जिदों को तोड़ दिया गया और उनकी पवित्र पुस्तकों को जला दिया गया। इलियास ने कहा कि चीन ने सोचा कि कोई भी उन्हें चुनौती नहीं दे सकता, लेकिन अल्लाह सबसे शक्तिशाली है, अल्लाह ने चीन को सजा दी।

इलियास ने कहा कि रोम, फारस और रूस को याद करें, जो अहंकारी थे और इस्लाम के खिलाफ खड़े थे। मगर, अल्लाह ने सभी को नष्ट कर दिया। उसने भारत के दक्षिणपंथी संगठनों को ष्गोडसे के बच्चेष् करार देते हुए चेतावनी दी कि वे मुसलमानों पर हमला करने से बचें। चीन ने शिनजियांग क्षेत्र के उइगुर मुसलमानों पर क्रूर अभियान के तहत एक लाख से अधिक मुसलमानों को नजरबंदी शिविरों में बंद कर दिया गया है। हालांकि, बीजिंग इसे इस्लामी चरमपंथ से निपटने के लिए बनाए गए नौकरी प्रशिक्षण केंद्र कहता है।
अमेरिका द्वारा कड़ी अंतरराष्ट्रीय आलोचना किए जाने के बाद भी चीन ने अपनी कार्रवाई का बचाव करते हुए कहा है कि इस क्षेत्र में इस्लामी चरमपंथ से लड़ने के लिए नौकरी-प्रशिक्षण केंद्र स्थापित करने की जरूरत थी। हालांकि, विश्व मीडिया में लीक दस्तावेजों से पता चलता है कि शी जिनपिंग प्रशासन के तहत चीन की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी उइगर मुसलमानों को परेशान कर रही है।

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