लखनऊ। ख्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती विश्वविद्यालय के सप्तम् दीक्षांत समारोह के अंतर्गत आयोजित दीक्षोत्सव के दूसरे दिन विद्यार्थियों के देशभक्ति गीतों और लोकनृत्यों से परिसर झूम उठा।
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आज के दीक्षोत्सव कार्यक्रम में विद्यार्थियों ने देशभक्ति के गीतों की प्रतियोगिता में सभी दर्शकों को भाव विभोर कर दिया। उनका मधुर संगीत सुन सभी शिक्षक भावुक हो गए और साथ में गुनगुनाने लगें। लोक नृत्य प्रतियोगिता में भी विद्यार्थियों ने बंगाली मराठी, गुजराती एवं कथक नृत्य के माध्यम से रंगारंग छटा बिखेरी। लोकनृत्य की ताल ने सभी उपस्थित विद्यार्थियों और शिक्षकों को आनंदित कर दिया।
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विश्वविद्यालय के क्रीड़ा परिषद द्वारा भी आज रस्सी कूद प्रतियोगिता का आयोजन किया गया जिसमें विद्यार्थियों ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया। आज के दीक्षोत्सव के समापन सत्र में नई शिक्षा नीती विषय पर एक दिवसीय संगोष्ठी का भी आयोजन किया गया जिसकी मुख्य वक्ता डॉ किरणलता डंगवाल, शिक्षा शास्त्र विभाग, लखनऊ विश्वविद्यालय रही।
डॉ डंगवाल ने विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों एवं शिक्षकों को नई शिक्षा नीती और उसके क्रियान्वयन से उच्च शिक्षा में आने वाले सकारात्मक परिणामों से अवगत कराया। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों के बहु आयामी विकास में राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 मील का पत्थर साबित होगी।
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इन सभी गतिविधियों के संयोजन में प्रो चंद्रा डे, अधिष्ठाता सामाजिक विज्ञान संकाय, प्रो तनवीर खदीजा, अधिष्ठाता छात्र कल्याण, डॉ दोआ नक़वी, सहायक आचार्य व्यवसाय प्रबंधन विभाग, डॉ मोहम्मद शारिक, सदस्य सचिव क्रीडा परिषद एवं श्रीमती शान-ए- फ़ातिमा, सहायक आचार्य एआईएमएल विभाग ने मुख्य भूमिका निभाई।
प्रतियोगिताओं में डॉ हारून रशीद, डॉ प्रवीण राय, डॉ नलिनी मिश्रा, डॉ राम दास, डॉ बुशरा अलवेरा, डॉ जैबुन निसा एवं डॉ रचिता सुजॉय चौधरी बतौर निर्णायक उपस्थित रहे। इन प्रतियोगिताओं के परिणाम कल अर्थात 25 फरवरी को घोषित किए जाएंगे एवं विजेताओं को पुरस्कृत किया जाएगा।