लखनऊ। रहमानखेड़ा स्थित राज्य कृषि प्रबंधन संस्थान में मुख्य सचिव ने कृषि विभाग में नवनियुक्त एवं प्रशिक्षणाधीन तकनीकी सहायकों को संबोधित किया। मुख्य सचिव ने तकनीकी सहायकों से अपने कार्य एवं दायित्वों का निवर्हन पूर्ण निष्ठा एवं ईमानदारी के साथ करने का आवाहन किया। उन्होंने कहा कि आप सभी ने प्रतियोगितात्मक परीक्षा को सफलतापूर्वक पास करके यहां पर प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं। आप सभी लोक सेवक हैं, जनता की सेवा करना आपका परम कर्तव्य है। उप्र सरकार की मंशा के अनुरूप कार्य करते हुए, कृषि उत्पादन में वृद्धि तथा किसानों के जीवन में खुशहाली लाने के लिये पूर्ण योगदान देना होगा।
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उन्होंने कहा कि आज हमारा देश बदल रहा है। उत्तर प्रदेश में कृषि का क्षेत्र पूरी तरह से टेक्नोलॉजी को आत्मसात् कर चुका है। सभी कृषि क्षेत्रों का डिजिटाइजेशन किया जा रहा है। डिजिटाइजेशन के माध्यम से हर एक खेत को आसानी से देखा जा सकेगा। उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं के बारे में किसानों को अवगत कराया जाए। पानी के दोहन की बचत के लिए किसानों को शिक्षित किया जाये तथा किसानों को ड्रिप सिंचाई के लाभ के बारे में बताया जाए। इसके साथ ही किसानों को उत्पादन और रिटर्न बढ़ाने के लिए उपलब्ध उन्नत किस्मों और तकनीकों के बारे में जागरूक किया जाए। रासायनिक उर्वरकों और कीटनाशकों के अंधाधुंध उपयोग को कम करके उन्हें प्राकृतिक खेती में बदलने के लिए प्रोत्साहित किया जाए।
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मुख्य सचिव ने बताया कि उत्तर प्रदेश भारत का चौथा सबसे बड़ा राज्य है। उत्तर प्रदेश नौ कृषि-जलवायु क्षेत्रों के अन्तर्गत आता है। ग्रामीण आबादी विशेष रूप से कृषक समुदाय को फसल उत्पादन में सुधार और प्रति इकाई क्षेत्र में आर्थिक लाभ के लिए उपलब्ध नवीनतम तकनीकों और सेवाओं के बारे में जागरूक करके उन्हें सक्षम बनाने की अपार संभावना को देखते हुए, नवनियुक्त प्राविधिक सहायक, वर्ग-1 को कौशल उन्नयन पर ध्यान केंद्रित करना होगा। विभिन्न सरकारी योजनाओं और कार्यक्रमों के माध्यम से वंचितों तक पहुँचने की दिशा में ईमानदार प्रयास करना होगा। भारत का तीन चौथाई भाग गाँवों में बसता है। अच्छी तरह से डिजाइन की गई रणनीति के साथ अनुसंधान और विकास का लाभ गांवों के लिए न केवल कृषि में प्रगति से प्रौद्योगिकी गांवों में बदल जाएगी।
इससे पूर्व प्रशिक्षण कार्यक्रम में बताया गया कि प्रदेश के कृषि विभाग में वरिष्ठ प्राविधिक सहायक, ग्रुप-1 के अन्तर्गत विकास, कृषि रक्षा, रसायन व शस्य शाखा के 431 नवनियुक्त कर्मचारियों को विभिन्न प्रशिक्षण केन्द्रों पर 1) राज्य कृषि प्रबन्ध संस्थान, रहमानखेड़ा, लखनऊ, 2) राजकीय कृषि विद्यालय, गोरखपुर, बुलन्दशहर, चिरगॉव (झांसी), 3) केन्द्र अध्यक्ष, राजकीय भूमि संरक्षण प्रशिक्षण केन्द्र, मऊरानीपुर (झांसी) पर आधारभूत प्रशिक्षण प्रारंभ किया जा चुका है।
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इन प्राविधिक सहायक ग्रुप-1 की नियुक्ति अन्य गांवों के लिए न केवल कृषि में प्रगति का अनुसरण करने और प्राप्त करने के लिए एक मॉडल का स्वरूप विकसित करेगी, साथ ही ग्रामीण क्षेत्र में नए उद्यमशीलता के अवसर भी खोलेगा। कार्यक्रम में सचिव कृषि अनुराग यादव, निदेशक पंकज त्रिपाठी, अपर निदेशक पीके गुप्ता, संयुक्त निदेशक राम बहादुर सिंह समेत अन्य अधिकारीगण आदि उपस्थित थे।