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देश की सर्वोच्च अदालत ने चिदंबरम को लेकर सुनाया ये बड़ा फैसला

तिहाड़ जेल में बंद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम पर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया है। देश की सर्वोच्च अदालत ने इस मामले में पी. चिदंबरम को जमानत दे दी है। चिदंबरम का यह मामला ईजी से संबंधित है जिसमें उन्हें जमानत मिली है। इससे पहले चिदंबरम को सीबीआई से जुड़े केस में जमानत मिली है।

सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाने से पहले माना है कि आर्थिक अपराध काफी गंभीर होते हैं, लेकिन जमानत का भी कानूनी प्रावधान हैं। कोर्ट ने कहा कि जमानत का फैसला केस की मेरिट पर निर्भर करता है। जमानत देना कानून के प्रावधान में है।’ कोर्ट ने चिदंबरम को 2 लाख के निजी मुचलके और बिना अनुमति देश नहीं छोड़ने की शर्त पर जमानत दी है। चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि उनको उम्मीद है कि उनके पिता को आज जमानत मिल जाएगी।

पी. चिदंबरम ने इस केस में आए हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती दी थी, जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने 2 लाख के मुचलके के साथ यह जमानत दी है। पी. चिदंबरम पिछले 107 दिनों से जांच एजेंसी या न्यायिक हिरासत में थे। अब उनको राहत मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने चिदंबरम से यह भी कहा है कि वो केस पर सार्वजनिक बयान या इंटरव्यू न दें।

बिना इजाजत यात्रा नहीं

सुप्रीम कोर्ट ने जमानत देने के साथ ही चिदंबरम पर कुछ शर्तें भी लगाई हैं। कोर्ट ने आदेश दिया है कि वह बिना इजाजत के यात्रा न करें। इसके साथ ही कोर्ट ने चिदंबरम को यह भी हिदायत दी है कि वो केस से जुड़े किसी गवाह से संपर्क न करें।

अगस्त महीने में पी चिदंबरम को हिरासत में लिया गया था, जिसके बाद उन्हें तिहाड़ जेल भेज दिया गया। पिछले 107 दिनों से चिदंबरम हिरासत में ही हैं। इससे पहले आईएनएक्स मनी लॉन्ड्रिंग केस में ही उनके बेटे कार्ति को भी कुछ दिन जेल में बिताना पड़ चुका है।

कोर्ट में सुनवाई के दौरान सीबीआई ने दलीली दी कि चिदंबरम की महज उपस्थिति ही गवाहों को डराने-धमकाने के लिए काफी है, उन्हें कम से कम तब तक जमानत नहीं दी जाए जब तक अहम गवाहों से पूछताछ नहीं हो जाती।

सीबीआई ने कहा कि आज का दौर ऐसा है जब आर्थिक अपराधों के आरोपी देश से भाग रहे हैं, एक राष्ट्र के रूप में हम इस समस्या से जूझ रहे हैं।’ सीबीआई ने कोर्ट को बताया कि भ्रष्टाचार मामले की जांच जारी है और सिंगापुर तथा मॉरीशस को भेजे गए आग्रह पत्र पर जवाब का इंतजार किया जा रहा है।

आईएनएक्स मीडिया ग्रुप को 2007 में 305 करोड़ रुपये के विदेशी फंड मिलने के संबंध में अनियमितता पाई गई थीं। जांच में पता चला कि फंड के लिए क्लियरेंस देने में विदेश निवेश प्रोत्साहन बोर्ड (एफआईपीबी) में गड़बड़ियां हुई थीं। उस वक्त पी चिदंबरम वित्त मंत्री थे। सीबीआई ने मई 2017 को चिदंबरम के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी। कांग्रेस नेता पर आरोप है कि आईएनएक्स मीडिया समूह को लाइसेंस देने के बदले उन्होंने अपने पुत्र कार्ति चिंदबरम की कंपनी को मदद करने का प्रस्ताव रखा था। उन पर अपने पद के दुरुपयोग, मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप हैं।

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