निर्भया के दोषियों को आज तड़के तिहाड़ जेल में फांसी दिए जाने के बाद लंबे समय से पीड़िता को इंसाफ मिलने की राह देख रहे लोगों ने राहत की सांस ली
गैंगरेप के दोषियों में से एक बिहार के औरंगाबाद के रहने वाले अक्षय ठाकुर को फांसी पर लटकाए जाने के बाद टंडवा थाना क्षेत्र में खुशी और गम दोनों का माहौल है.
अक्षय ठाकुर के गांव लहंग करमा में लोग ज्यादा घरों में ही बंद हैं और गांव की गलियां भी सूनी पड़ी हुई हैं. गांव में जो लोग नजर भी आ रहे हैं वो अक्षय ठाकुर को फांसी दिए जाने पर कुछ भी बोलने से इंकार कर रहे हैं.
अक्षय ठाकुर अपने गांव से रोजगार के उद्देश्य से दिल्ली भाग गया था और दिल्ली में बस कंडक्टर का काम करता था. दिल्ली में उसकी दोस्ती निर्भया केस के मुख्य आरोपी राम सिंह से हुई थी. आपको बता दें कि राम सिंह ने 2013 में जेल में ही आत्महत्या कर ली थी.
वहीं, 16 दिसंबर 2012 को वारदात को अंजाम देने के बाद अक्षय ठाकुर अपने गांव भाग गया था. उसे पांच दिन के बाद अपने गांव से ही गिरफ्तार किया गया था.