उज्ज्वला योजना के पहले चरण में उत्तर प्रदेश शीर्ष स्थान पर था। दूसरे चरण के लिए भी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसका प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने व्यापक उद्देश्यों के साथ उज्ज्वला योजना का शुभारंभ किया था। वह गरीब महिलाओं को रसोई के धुएं से मुक्ति दिलाना चाहते थे।
इसके अलावा इसमें पर्यावरण संरक्षण का विचार भी समाहित था। एलपीजी गैस के प्रयोग से लकड़ी द्वारा भोजन पकाने की समस्या समाप्त हुई। इससे पेड़ों की कटान कम हुई। वायु प्रदूषण में भी कमी आई है। इसके दृष्टिगत ही उज्ज्वला योजना शुरू की गई थी। इसके पहले चरण में आठ करोड़ गरीब परिवारों को एलपीजी सिलेंडर उपलब्ध कराए गए थे। दूसरे चरण का शुभारंभ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दस अगस्त को किया था।
महोबा से योगी आदित्यनाथ भी उस वर्चुअल कार्यक्रम में सम्मलित हुए थे। दूसरे चरण के अंतर्गत देश में एक करोड़ निःशुल्क रसोई गैस कनेक्शन गरीब एवं जरूरतमन्द परिवारों को प्रदान किये जाएंगे। योगी आदित्यनाथ ने अपने सरकारी आवास पर आयोजित एक कार्यक्रम में प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के द्वितीय चरण में निःशुल्क रसोई गैस कनेक्शन प्राप्त करने वाली दस जनपदों की लाभार्थियों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से संवाद किया।
लाभार्थी महिलाओं को बधाई देते हुए उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री द्वारा गरीब एवं जरूरतमन्द परिवारों की महिलाओं को स्वच्छ ईंधन के माध्यम से बेहतर जीवन सुलभ कराने के लिए ‘प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना’ के अन्तर्गत निःशुल्क रसोई गैस कनेक्शन उपलब्ध कराया जा रहा है। सात वर्ष उज्ज्वला योजना की शुरुआत हुई थी। तब गरीबी रेखा से नीचे जीवन बसर करने वाले परिवारों की पांच करोड़ महिला सदस्यों को एलपीजी कनेक्शन उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा गया था।
दो वर्ष बाद इस योजना का विस्तार किया गया। और इसमें सात और श्रेणियों अनुसूचित जाति अनुसूचित जनजाति, पीएमएवाई,एएवाई, अत्यंत पिछड़ा वर्ग,चाय बागान,वनवासी,द्वीप समूह की महिला लाभार्थियों को शामिल किया गया। इसके अंतर्गत आठ करोड़ एलपीजी कनेक्शन दिए गए थे। इस लक्ष्य को निर्धारित तिथि से सात महीने पहले ही हासिल कर लिया गया था। उत्तर प्रदेश में सर्वाधिक एलपीजी कनेक्शन दिए गए थे।