सुप्रीम कोर्ट ने आज एक ऐतिहासिक फैसला सुनाया है. सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को कहा कि घरेलू हिंसा अधिनियम के तहत बहू को अपने पति के माता-पिता के घर में रहने का अधिकार है. जस्टिस अशोक भूषण की अध्यक्षता वाली तीन न्यायाधीशों की पीठ ने तरुण बत्रा मामले में दो न्यायाधीशों की पीठ के फैसले को पलट दिया है.
बता दें कि इससे पहले तरुण बत्रा केस में दो जजों की बेंच ने कहा था कि कानून में बहू, अपने पति के माता-पिता के स्वामित्व वाली संपत्ति में नहीं रह सकती हैं. गुरुवार को अब तीन सदस्यीय पीठ ने इस केस की सुनवाई करते हुए तरुण बत्रा के फैसले को पलटते हुए 6-7 सवालों के जवाब दिये हैं और ये साफ़ कर दिया है कि पति की अलग-अलग संपत्ति में ही नहीं, बल्कि साझा घर में भी बहू का अधिकार है.