नई दिल्ली। तबलीगी जमात में शामिल होने के बाद जाने-अनजाने कोरोना कैरियर के रूप में देश भर में हुई उनकी बेरोकटोक आवाजाही के फलस्वरूप संक्रमण के मामलों में आई एकाएक वृद्धि के कारण पलवल के 27 गांवों को बफर जोन और 9 गांवों को कैंटोनमेंट गांव घोषित कर इन गांवों की सभी सीमाएं पूरी तरह से सील कर दी गई हैं। कोरोना के संक्रमण को रोकने के लिए देश के जाने माने राजनीतिक रणनीतिकार व पॉलिसी मेकर तथा अखिल भारतीय प्रधान संगठन के राष्ट्रीय संयोजक कृष्ण झा ने हरियाणा के उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला से संक्रमित गांवों को तुरंत पूरी तरह से सील करने की मांग की थी।
चौटाला से हुई बातचीत में झा ने उन्हें सलाह दी थी कि गांवों को कोरोना के कहर से बचाने के लिए यह जरूरी है। अगर कोरोना ने गावों तक अपने पांव पसार दिये तो फिर हालात बेकाबू होते देर नहीं लगेगी।
हरियाणा सरकार की इस कार्रवाई का समर्थन करते हुए झा ने कहा कि भले ही यह फैसला कड़ा दिख रहा हो लेकिन रोगमुक्त होने के लिए कड़वी दवाइयां तो खानी ही पड़ेगी। पलवल में एक साथ कोरोना के 13 नए मामले आने के बाद जिला प्रशासन ने यह कार्रवाई की है। जाहिर है कि जो लोग कोरोना पॉजिटिव आए है वे बांगला देशी व हरियाणा से बाहर अन्य राज्यो के रहने वाले है जो तबलीगी जमात के बाद इन गांवो में धर्म प्रचार के लिए रूके थे। ऐसे में प्रशासन अब कोई कोताही नही बरतना चाहता इसलिए इन गांवो को बफर जोन घोषित करना पडा है।
झा ने बताया कि बफर जोन व कैंटोनमेंट जोन घोषित किये जाने के बाद अब इन गांवों से कोई भी व्यक्ति बाहर नही जा सकेगा। पूरे गांव की सीमा सील कर दी गई है। गांव में एक एक व्यक्ति की मेडिकल जांच होगी। इन गांवों के लिए सात नए ड्यूटी मजिस्ट्रेट तैनात किये गये हैं। इनके निर्देशन में घर-घर स्क्रीनिंग व थर्मल स्कैनिंग के लिए आशा व एएनएम की 45 टीम गठित की गई है।
उल्लेखनीय है कि अखिल भारतीय प्रधान संगठन ने कोरोना को परास्त करने के लिए शुरू सरकार की मुहिम में कंधे से कंधा मिलाकर चलने का बीड़ा उठाया है। इसके लिए संगठन ने बाकायदा एक एंटी कोरोना टास्क फोर्स का गठन किया है। संगठन के राष्ट्रीय संयोजक कृष्ण झा व राष्ट्रीय अध्यक्ष जितेंद्र चौधरी के नेतृत्व में कोर कमेटी की सलाह पर एक ऑटोनोमस विंग एंटी कोरोना टास्क फोर्स गठित की है। हरियाणा में टास्क फोर्स की कमान प्रदेश अध्यक्ष वरुण रघुवीर तेवतिया को सौंपी गई है। इस टीम के अन्य सदस्यों में यश थापर, संदीप तेवतिया व लखबीर सरोट शामिल हैं। प्रधान संगठन की पैठ देश के हर गांव तक है। इसलिए सुरसा की मुंह की तरह बढ़ रहे कोरोना को मात देने के लिए इस एंटी कोरोना टास्क फोर्स का गठन किया गया है।
गौरतलब है कि इसके गठन का उद्देश्य केवल और केवल जनसेवा है। झा ने दावा किया कि यह टास्क फोर्स किसी भी व्यक्ति विशेष से या संस्था से कोई भी आर्थिक सहायता नहीं लेगा और न ही मातृ संगठन इसकी इजाज़त देगा। उन्होंने कहा कि हमारा उद्देश्य अपने स्वयंसेवकों की मदद से सरकार की योजनाओं को स्थानीय स्तर पर सही क्रियान्वयन में अपना योगदान देना है। इसी के साथ सरकार द्वारा की गई राहत घोषणाओं की मॉनिटरिंग करना ताकि जरूरतमंद लोगों तक बगैर किसी व्यवधान के इसका लाभ पहुंचे। बता दें कि संगठन के स्वयंसेवक पूरे देश में ग्राम, ब्लाक व जिला स्तर पर भोजन, मास्क, मेडिकल सहायता व सैनिटाइजर वितरित कर जन जागरुकता फैलाने में पहले से ही सक्रिय हैं।