नई दिल्ली। केन्द्र सरकार ने प्रस्तावित फाइनेंशियल रेजोल्यूशन एंड डिपॉजिट इंश्योरेंस बिल 2017(एफआरडीआई बिल) के विषय पर कहा है। संसद में पेश किए गए बिल में बैंक ग्राहकों के लिए मौजूदा सुरक्षा प्रावधानों में किसी तरह के ऐसे बदलाव की पेशकश नहीं की है। जिससे उनके हितों को नुकसान पहुंचे। केन्द्र सरकार ने दावा किया है कि संसद में पेश बिल में प्रस्तावों के जरिए ग्राहकों को अतिरिक्त सुरक्षा देने के साथ-साथ बैंकिंग क्षेत्र में अधिक पारदर्शिता लाने की कोशिश की गई है।
केन्द्र सरकार की यह सफाई उन खबरों को नकारने के लिए दी गई है जिनमें दावा किया जा रहा था कि एफआरडीआई बिल में किए गए बेल-इन प्रावधानों से बैंक के ग्राहकों की जमा रकम पर खतरा आ सकता है। केन्द्र सरकार ने इन भ्रांतियों को नकारते हुए कहा है कि 11 अगस्त 2017 को लोकसभा में पेश एफआरडीआई बिल मौजूदा समय में संसद की ज्वाइंट समिति द्वारा विचाराधीन है। वहीं ज्वाइंट समिति इस बिल पर सभी हितधारकों से राय लेने का काम कर रही है जिससे बैंकों के स्वास्थ और बैंक ग्राहकों के सुरक्षा मानदंडों को अधिक मजबूत किया जा सके।
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