कोरोना वायरस ने चीन में हाहाकार मचा दिया है. अब चीन से ऐसी खबर आई है जिससे कोरोना वायरस की महामारी को समझने में देर नहीं लगेगी. दरअसल, चीन को सबसे पहले कोरोना वायरस के बारे में बताने वाले डॉक्टर ली वेनलियांग खुद कोरोना वायरस से संक्रमित होकर मौत का शिकार हो गए. ली वेनलियांग की मौत की पुष्टि वुहान अस्पताल ने भी की है. अस्पताल ने बताया कि ली की मौत शुक्रवार सुबह 2.58 बजे हो गई. वुहान सेंट्रल हॉस्पिटल ने बताया कि यहां उनका इलाज चल रहा था. इलाज के दौरान ही उनकी मौत हो गई.
इससे पहले सरकार द्वारा संचालित ग्लोबल टाइम्स की रिपोर्ट में कहा गया था कि 34 साल के ली ने इस महाबीमारी के बारे में अन्य डॉक्टरों को सतर्क करने का प्रयास किया था. उन्होंने पिछले साल दिसंबर में वुहान में पहला मामला सामने आने पर ही इस वायरस के बारे में रिपोर्ट दी थी. इस बारे में उन्होंने वीचैट एप पर अपने मेडिकल स्कूल के एलुमनी ग्रुप में जानकारी दी थी.
ली ने अपने दोस्तों, जानकारों, रिश्तेदारों को गोपनीय तरीके से इस बारे में आगाह करने को कहा था, लेकिन कुछ ही घंटों में उनके संदेश का स्क्रीनशॉट वायरल होने लगा था. इस पर वुहान पुलिस ने उन पर अफवाह फैलाने का आरोप लगाया था. बता दें कि ली वेनलियांग ने पिछले साल 30 दिसंबर को ही इस बारे में आगाह किया था. जिस मेडिकल स्कूल से वह पढ़े थे, उसी के ऑनलाइन एल्युमनी चैट ग्रुप वीचैट पर बताया था कि उनके अस्पताल में स्थानीय मछली बाजार से सात मरीज आए हैं, जिनमें सार्स जैसी बीमारी के लक्षण पाए गए हैं और उन्हें अस्पताल में आइसोलेशन वार्ड में रखा गया है.
उसके बाद ली ने इन मरीजों की जांच की और उसके बाद बताया कि ये बीमारी कोरोना वायरस है. जो वायरस का एक बड़ा परिवार है. बता दें कि साल 2003 में भी इस वायरस ने चीन में सैकड़ों लोगों की जान ले ली थी. गौरतलब है कि चीन में जानलेवा वायरसों की जड़ें काफी पुरानी हैं जो यहां जानवरों से फैलती हैं. डॉक्टर ली ने कहा था कि, “मैं अपने विश्वविद्यालय के साथियों को इस बारे में आगाह करना चाहता था.”