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ये डॉक्टर खुले आम देता है आतंकवादियों का साथ अपने ही क्लिनिक में बनाता है बम व फिर…

कुख्यात आतंकवादी डाक्टर जलीस अंसारी मुंबई स्थित अपने क्लीनिक में ही बम बनाता औऱ नए-नए इस्तेमाल करता था. एक तरह से यह क्लीनिक बम बनाने की लैब थी. आतंक की संसार में उसे डॉक्टर बम के नाम से जाना जाता है.बताया जाता है कि उसे बम बनाने की तकनीक अब्दुल करीम टुंडा ने दी. टुंडा के साथ वह पाक भी जा चुका है. टुंडा के आईएसआई नेटवर्क का प्रयोग कर वह लश्कर, सिमी समेत कई प्रतिबंधित संगठनों के सीधे सम्पर्क में आया.

अंसारी ने 1984 में एमबीबीएस की डिग्री हासिल कर ली थी. इसके बाद उसने मुंबई महानगर पालिका के अस्पताल में डॉक्टरी प्रारम्भ की. शाम के वक्त वह एक व्यक्तिगत क्लीनिक में मरीज भी देखता था. क्लीनिक चलाने के अतिरिक्त चिकित्सक मुंबई के बाईकुला में अहले अदीस संगठन का उपाध्यक्ष भी रहा. उपाध्यक्ष रहते हुए अंसारी की मुलाकात वारंगल के आसिम बहारी से हुई थी. आसिम पाक से ट्रेनिंग लेकर आया था व हिंदुस्तान में छिपकर रह रहा था.

क्रश इंडिया मूवमेंट की शुरुआत
80 के दशक में डाक्टर व आसिम के बीच अच्छी दोस्ती हो चुकी थी. इसी दौरान इन लोगों ने देश में नफरत फैलाने को लेकर बड़ी योजना तैयार की. इस योजना को इन लोगों ने नाम दिया क्रश इंडिया मूवमेंट. मूवमेंट प्रारम्भ तो हुआ लेकिन उसे अंजाम कैसे दिया जाए इसे लेकर इनकी प्लानिंग सटीक नहीं थी. हालांकि बम बनाने का उपाय मोटे तौर पर आसिम बहारी ने चिकित्सक को बता दिया था.

करीम टुंडा ने सिखाया बम बनाना
क्रश इंडिया मूवमेंट को आगे बढ़ाने के दौरान डाक्टर की मुलाकात अब्दुल करीम टुंडा से हुई. सन 1985 में टुंडा से मुलाकात के बाद अंसारी का खौफनाक चेहरा सामने आया. टुंडा ने उसे टाइम बम से लेकर आरडीएक्स के प्रयोग के बारे में बताया. इसके बाद जलीस ने अपना दिमाग से इस तकनीक को व विकसित किया व ऐसे टाइम बम बनाए जो सेट टाइम पर ही फटते थे.

100 से ज्यादा लोगों को तैयार किया
अंसारी तकनीकी रूप से तो शक्तिशाली था ही ब्रेन वॉश करने में भी उसका कोई विकल्प नहीं था. 93 में बड़े धमाके करने से पहले उसने 100 से अधिक युवाओं का ब्रेन वॉश कर उन्हें अपने मूवमेंट में शामिल कर लिया था. उसके एक इशारे पर भटके हुए युवा जान देने लेने को तैयार रहते थे.

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