अनेक महान राजाओं ने विदेशी आक्रांताओं से मातृभूमि की रक्षा हेतु प्राणों की बाजी लगाई थी। ऐसे आक्रांताओं की पराजय के भी अनगिनत उदाहरण है। यह सही है कि भारत सदियों तक परतंत्र रहा। लेकिन सच यह भी है कि विदेशी आक्रांताओं को लगातार प्रतिरोध का सामना करना पड़ता था।
उस दौर के अनेक भारतीय राजाओं का शौर्य आज भी प्रेरणा देता है। वर्तमान केंद्र व उत्तर प्रदेश सरकार ऐसे महान देशभक्तों को सम्मान दे रही है। जिससे वर्तमान व भावी पीढ़ी राष्ट्र प्रेम की प्रेरणा ग्रहण कर सके।
इसी के अनुरूप महाराज सुहेल देव की जन्म जयंती समारोह पूर्वक मनाई गई। करीब एक हजार वर्ष पूर्व विदेशी आक्रांताओं से धर्म की रक्षा करने वाले शौर्य वीर महाराजा सुहेलदेव जी के स्मारक का प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा शिलान्यास किया गया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि बहराइच के मेडिकल कॉलेज का नाम भी महाराजा सुहेलदेव जी के नाम पर रखा गया है। उन्होंने कहा कि ग्यारहनवीं सदी में उत्तर प्रदेश के बहराइच में महाराजा सुहेलदेव पराक्रमी और प्रतापी राजा थे। जिन्होंने विदेशी आक्रांताओं से भारतीय संस्कृति और विरासत की रक्षा की।
वे मातृभूमि के सम्मान को समर्पित रहे। उनका शौर्य, पराक्रम और स्वाभिमान वर्तमान पीढ़ी के लिए एक गौरवशाली उदाहरण है। उन्होंने विदेशी आक्रांताओं से मुकाबला करने के लिए इक्कीस राज्यों का संगठन बनाकर कुशल रणनीतिकार के रूप में विशिष्ट युद्धकला के माध्यम से विजय प्राप्त की थी। इसी क्षेत्र के महर्षि बालार्क के नाम पर बहराइच जिला चिकित्सालय का भी नामकरण किया गया है। करीब तीन वर्ष पहले नरेंद्र मोदी ने ही महाराजा सुहेलदेव जी के नाम से डाक टिकट था। नरेंद्र मोदी ने ही बहराइच में मेडिकल कॉलेज का शिलान्यास किया था।
मुख्यमंत्री ने स्मारक के शिलान्यास व मेडिकल कॉलेज के लोकार्पण के लिए प्रधानमंत्री के प्रति आभार व्यक्त किया। वर्तमान सरकार अपने महान योद्धाओं का केवल सम्मान ही नहीं कर रही है,बल्कि उनके नाम से विकास कार्यों को भी क्रियान्वित कर रही है। उन्होंने कहा कि चौरी चौरा शताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य में शहीद स्मारकों व स्थलों पर विभिन्न कार्यक्रम आयोजित कर देश के ज्ञात अज्ञात सेनानियों को श्रद्धा सुमन अर्पित किये जा रहे हैं। स्मारक स्थल का निर्माण व अन्य सुविधाओं का विकास प्रधानमंत्री की प्रेरणा से किया जा रहा है।