इंडोनेशिया के लाबुआन बाजो में जी-20 शेरपाओं की दो दिवसीय बैठक में भारत के जी-20 शेरपा अमिताभ कांत ने सभी जी-20 सदस्य देशों से सामूहिक रूप से स्वास्थ्य, खाद्य और ऊर्जा सुरक्षा चुनौतियों को तत्काल, सहकारी, गैर-राजनीतिक और न्यायसंगत तरीके से ध्यान देने की आवश्यकता पर बल दिया। इस बैठक में जी-20 शेरपाओं के विभिन्न कार्य समूहों के तहत हुई प्रगति की समीक्षा की गई।
विदेश मंत्रालय ने कहा कि अमिताभ कांत ने विकास, सशक्तिकरण, वित्तीय समावेशन और टिकाऊ रोजगार सृजन के लिए डाटा और डिजिटलीकरण के महत्व पर अपनी बात रखी। इसके अलावा, छोटे और सीमांत किसानों के हितों की रक्षा और उसे बढ़ावा देने के साथ-साथ पर्यटन क्षेत्र में मुख्यधारा की स्थिरता के बारे में भी बात की।
बैठक के दौरान भारतीय शेरपा ने इंडोनेशिया से स्वास्थ्य, कृषि, पर्यटन, डिजिटल अर्थव्यवस्था, ऊर्जा, पर्यावरण और जलवायु जैसे विभिन्न क्षेत्रों के विशिष्ट सत्रों के दौरान भारत के दृढ़ समर्थन की पुष्टि की।
वहीं उन्होंने अक्षय ऊर्जा को बढ़ाने में भारत द्वारा किए गए तेजी से कदमों पर प्रकाश डाला और भारत की सीओपी 26 प्रतिबद्धताओं को दोहराया। प्रवास के मुद्दों पर उन्होंने अंतरराष्ट्रीय जुड़ाव को और गहरा करने के साथ ही सुरक्षित, व्यवस्थित और नियमित प्रवास की सुविधा पर जोर दिया।
भारतीय शेरपा अमिताभ कांत ने ट्वीट कर बताया इंडोनेशिया के लाबुआन बाजो में जी-20 शेरपाओं इंडोनेशिया के डॉ० डियान जानी, सिंगापुर की टैनचिंग यी और रूस की स्वेतलाना लुकाशी के साथ सकारात्मक और रचनात्मक बातचीत हुई। आज जी-20 के सदस्य देश दुनिया की 85 फीसदी जीडीपी, 75 फीसदी वैश्विक व्यापार और दो तिहाई आबादी का प्रतिनिधित्व करते हैं।
आपको बताते चलें कि बता दें कि इंडोनेशियाई जी-20 अध्यक्षता के तहत पहली शेरपा बैठक पिछले साल 07 से 08 दिसंबर को हुई थी। कांत ने अपने सभी जी-20 समकक्षों, अतिथि देशों और भाग लेने वाले अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के साथ द्विपक्षीय बातचीत भी की। इन बैठकों में उन्होंने वैश्विक मुद्दों और इसके आगामी जी-20 अध्यक्ष पद पर भारत की सोच को साझा किया और इसके परिणामों को प्राप्त करने के लिए इंडोनेशियाई नेतृत्व को और समर्थन देने के तरीकों पर चर्चा की।
रिपोर्ट: शाश्वत तिवारी