प्याज की बढ़ती कीमतों पर अंकुश लगाने के प्रयास जारी रखते हुए सरकार ने मंगलवार को खुदरा और थोक विक्रेताओं के लिए प्याज की स्टॉक सीमा को घटाकर मौजूदा स्तर से आधा कर दिया. अब प्याज के थोक व्यापारी 25 टन और खुदरा व्यापारी पांच टन ही प्याज का स्टॉक अपने पास रख सकेंगे.
पिछले कुछ सप्ताह से प्याज की खुदरा कीमतें लगातार बढ़ रही हैं. इस प्रमुख सब्जी की आपूर्ति बढ़ाने के लिए भी कई उपाय किए गए हैं. हालांकि, फिलहाल प्याज के दाम अब भी आसमान पर हैं. कई बाजारों में प्याज 100 रुपये किलो या इससे भी अधिक भाव पर मिल रहे हैं.
उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय द्वारा जारी आदेश के अनुसार, पहले खुदरा विक्रेताओं को 10 टन तक और थोक विक्रेताओं को 50 टन तक प्याज का स्टॉक रखने की अनुमति थी. अब वह इसके मुकाबले आधा स्टॉक ही रख सकेंगे. आयातित प्याज के लिए स्टॉक होल्डिंग की यह सीमा लागू नहीं मानी जाएगी.
स्टॉक रखने की सीमा तय करने के अलावा, सरकार ने प्याज के निर्यात पर पहले ही प्रतिबंध लगा दिया है और घरेलू आपूर्ति को बढ़ाने और मूल्य नियंत्रण के लिए 1.2 लाख टन प्याज आयात करने का फैसला किया गया है.
सरकार की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि खुदरा विक्रेताओं और थोक विक्रेताओं को निर्देश दिया गया है कि वे मंत्रालय को दैनिक आधार पर खरीदे और बेचे जाने वाले प्याज के स्टॉक का विवरण दें.
सरकार ने सस्ता प्याज बेचने का रोडमैप तैयार किया है. योजना के तहत केंद्र सीधे किसानों से प्याज की खरीद करेगा. इससे किसानों को जहां अपनी फसल का पूरा दाम मिलेगा वहीं बाजार में सस्ता प्याज उतारने से लोगों को सस्ती दरों पर यह उपलब्ध हो सकेगा.
केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय ने प्याज की खरीद और वितरण को लेकर मंगलवार देर शाम एक बैठक की. इसमें नेफेड की ओर से प्याज की खरीद और बिक्री को लेकर योजना का रोडमैप प्रस्तुत किया गया है.