अयोध्या। श्री राम की बारात अयोध्या के जनकपुर के लिए प्रस्थान किया।सैकड़ो की संख्या में बराती रामलला के बारात में शामिल हैं। जिसमें अयोध्या ही नहीं भारत के अलग-अलग हिस्सों से लोग अयोध्या पहुंचे हैं। यहां गाजे-बाजे के साथ भगवान श्री सीताराम के स्वरुप भगवान श्री राम और माता सीता की प्रतिमा के साथ 51 तीर्थ स्थलों का पवित्र जल लेकर के राम बारात नेपाल जनकपुर के लिए रवाना हुई है।
राम मंदिर ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय भगवान राम के पिता दशरथ की भूमिका में नजर आए, तो प्रभु राम के बाराती भी गाजे-बाजे पर खूब नाचे। पूरी अयोध्या नगरी त्रेता युग की तरह नजर आई। साथ ही श्रद्धालु भगवान के श्रद्धा से सराबोर भी दिखे।
भगवान श्री राम की बारात अयोध्या से जनकपुर के लिए रवाना हुई है, जिसमें 14 दिन का मांगलिक कार्यक्रम होगा। भगवान की बारात आज अयोध्या से निकली है, जो 3 दिसंबर को विभिन्न मार्गो से होते हुए जनकपुर पहुंचेगी। जनकपुर तक भगवान श्री सीताराम के विवाह की बारात का जगह-जगह स्वागत होगा।
विवाह पूर्व धार्मिक अनुष्ठान 4 और 5 दिसंबर को किए जाएंगे। विवाह पंचमी 6 दिसंबर को है। भगवान सीता-राम का विवाह जनकपुर में होगा, जहां 18 बीघा में सीताराम के विवाह की तैयारी का पंडाल लगाया गया है। 14 दिन तक धार्मिक अनुष्ठान होगा। विवाह के उपरांत भगवान श्री राम का कलेवा होगा और 8 दिसंबर को बारात अयोध्या के लिए रवाना की जाएगी।
कलयुग में त्रेता का नजारा भगवान श्री राम के विवाह में देखने को मिल रहा है। ऐसा उत्साह लग रहा है कि कलयुग में भी इस तरह की बारात नहीं निकाली होगी। जगह-जगह लोग नाचते हुए झूम रहे हैं। भगवान के भजन गा रहे हैं। ऐसे में सीता-राम के विवाह का विवाह पंचमी को सीता-राम का विवाह होता है। त्रेता युग की परिकल्पना आज भी साकार होती है।
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भारत और नेपाल के सांस्कृतिक रिश्तों में मजबूती आएगी, तो एक बार फिर लोग भगवान राम और मां सीता के विवाह में शामिल होकर खुद को सौभाग्यशाली समझ रहे हैं।
रिपोर्ट-जय प्रकाश सिंह