गोकुलधाम के रहवासी अपनी सभ्यता और संस्कृति में पूरा विश्वास रखते हैं। हर त्यौहार यहां पर पूरे जोश से मनाया जाता है। अभी पितृपक्ष चल रहा है और सभी हिन्दू अपने पूर्वजों का श्राद्ध करते हैं। गोकुलधाम के रहवासी भी अपने पूर्वजों को श्रद्धांजली देने के लिए श्राद्ध कर रहे हैं।
इसकी शुरुआत तर्क मेहता के घर से होती है। वे अपने पिता का श्राद्ध कर रहे हैं। परेशानी तब आती है जब उन्हें अपनी सोसाइटी में कोई भी कौआ नजर नहीं आता। भिड़े तारक की इस परेशानी को समझते हैं और कौआ ढूंढने के लिए उनके साथ बगीचे की तरफ निकल जाते हैं।
उन्हें लगता है कि बगीचे में इतने सारे पेड़ हैं तो कोई न कोई कौआ तो दिख ही जायेगा पर उनका कौआ ढूंढो मिशन पूरा फेल हो जाता है। कूड़े के डब्बे के पास भी उनके हाथ निराशा ही लगती है। निरुत्साहित होकर तारक पेड़ के नीचे खाना रखकर वापिस लौट जाते हैं।
जाते जाते वे एक बार पलट कर देखते हैं और वहां का दृश्य देखकर उनका हृदय काँप जाता है। उन्होंने कभी भी ऐसे दृश्य की कल्पना तक नहीं करी थी। क्या था ये दृश्य ? क्या हुआ था उस पेड़ के नीचे ? ये जानने के लिए शुक्रवार 23 सितंबर से तारक मेहता का उल्टा चश्मा देखिये।
इस ट्रेक में हमने दो बातों पर ध्यान खींचने का प्रयास किया है। एक तो प्रदूषण और हम लोगों की गलतियों की वजह से धीरे धीरे पर्यायवरण नष्ट होता जा रहा है जिसके कारण पक्षियों और जानवरों का जीवन कठिन ही नहीं दूभर हो गया है। दूसरा गरीबी और कैसे हम बच्चों के भोजन की व्यवस्था कर सकते हैं। हमने इस संदेश के लिए के लिए श्राद्ध जैसे नए विषय को चुना है, इस धारावाहिक के निर्माता और रचनाकार श्री असित कुमार मोदी ने कहा।
तारक मेहता का उल्टा चश्मा सबसे लम्बा चलने वाले सिटकॉम में से एक है। 2008में प्रारम्भ हुआ यह 15 वर्षों से प्रसारित हो रहा धारावाहिक अब तक 3500 से भी ज्यादा एपिसोड्स दिखा चुका है। अपने इस फ्लैगशिप शो के अतिरिक्त नीला फिल्म प्रोडक्शन प्राइवेट लिमिटेड मराठी भाषा में गोकुलधामची दुनियादारी और तेलगु में तारक मामा अय्यो रामा को यूट्यूब पर प्रसारित करता है।सारे धारावाहिक और सभी चरित्रों की रचना और निर्माण असित कुमार मोदी ने किया है।