शरीर को स्वस्थ व फिट रखने में फिजिकल एक्टिविटी का अहम भूमिका है. लेकिन वर्कआउट की आरंभ में ही हैवी अभ्यास करना खतरनाक है. इससे मांसपेशियों में एकदम से खिंचाव होने से दर्द होने कि सम्भावना है.
ध्यान रखें : 1-2 मिनट तेज दौड़ने के बाद वॉक कर अभ्यास की आरंभ करनी चाहिए. धीरे-धीरे इस समय अंतराल को बढ़ाना चाहिए. दूसरे सप्ताह में 3-4 मिनट व ऐसे ही धीरे-धीरे 20 मिनट तक ले आएं.
सीनियर फिजिशियन के अनुसार कई बार वर्कआउट के दौरान शुरुआती दिनों मेंं पैरों में दर्द की शिकायत रहती है. इसका कारण पैरों की पोजीशन ठीक न होना होने कि सम्भावना है. ऐसे मेें पैरों की पोजीशन ठीक रखें. यदि सावधानी के बावजूद दर्द होता है तो ऐसा पैरों में किसी प्रकार के टेढ़ेपन के कारण होने कि सम्भावना है. इसके लिए किसी हड्डी रोग विशेषज्ञ को जरूर दिखाएं.
पैरों में दर्द का एक कारण दौड़ते या अभ्यास करने के दौरान खून की नस का मांसपेशियों के बीच दबना या कंपार्टमेंट सिंड्रोम (अंदरुनी कोशिकाओं में सूजन या रक्तस्त्राव) भी होने कि सम्भावना है.
शुरुआत में बहुत तेज न दौड़ें वर्ना हड्डियों को जोड़कर रखने वाली मांसपेशियों में क्षति पहुंचने से दर्द व सूजन आ सकती है. ऐसे में रनिंग के बजाय जॉगिंग कर सकते हैं या फिर धीमी गति की दौड़ लगाएं.
स्पोट्र्स फुटवियर का खास खयाल रखें. ऐसे जूते पहनें जो दौड़ने या अभ्यास करने में आरामदायक हों. साथ ही इस बात पर ध्यान दें कि फुटवियर का प्रेशर घुटनों पर नहीं पड़ना चाहिए.