दिल्ली सरकार की तरफ से आयोजित रामलीला के पहले दिन शनिवार को दर्शक सीता स्वयंवर को देखकर भावुक हुए। मंचन की शुरुआत में रामलला के जन्म के बाद उनकी शिक्षा-दीक्षा का मंचन हुआ। इसके बाद राम अपने गुरु के साथ राजा जनक के महल में पहुंचे। यहां सीता स्वयंवर का मंचन हुआ। मंचन के दौरान एक-एक करके राजा शिव धनुष को उठाने का प्रयास करते रहे, लेकिन कोई धनुष को उठा नहीं पाया। उसी समय गुरु की आज्ञा से श्री राम आगे बढ़े और उन्होंने शिव धनुष को उठाया और उसपर प्रत्यंचा चढ़ाने के लिए जैसे ही डोरी खींची। धनुष खंडित हो गया, ऐसा होते देख दर्शकों ने जोर-जोर से जय श्रीराम के जयकारे लगाना शुरू कर दिया।
कलाकारों ने तीन घंटे में पूरे संपूर्ण रामायण का मंचन किया। दिल्ली सरकार ने शनिवार से आईटीओ स्थित प्यारेलाल सभागार में तीन दिवसीय भव्य रामलीला का मंचन शुरू किया। पहले दिन रामलीला का लाइव मंचन देखने के लिए बड़ी संख्या में लोग आए। दिल्लीवालों के साथ पूरी कैबिनेट ने रामलीला का मंचन देखा। रविवार को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल दिल्लीवालों के साथ भव्य रामलीला का मंचन देखेंगे। उन्होंने दिल्लीवासियों से समय निकालकर परिवार के साथ मंचन देखने की अपील की। इस दौरान सौरभ भारद्वाज ने कहा कि हम सब लोग भगवान श्रीराम जी का नाम लेते हैं। भगवान श्रीराम जी से जो सबसे बड़ी चीज सीखनी चाहिए, वो है उनकी मर्यादा।
छोटे से सभागार में रामलीला का आयोजन महज छलावा : भाजपा
प्रदेश भाजपा ने कहा कि आम आदमी पार्टी के नेताओं का एक नया अवतार दिख रहा है। सौरभ भारद्वाज समेत कई नेता रामलीला आयोजन की बात कर रहे हैं। ये वही लोग हैं जिन्होंने 2022 तक अयोध्या में श्री राम मंदिर के निर्माण का पुरजोर विरोध किया था। अब जब पूरा देश राममय हुआ है तो रामलीला का आयोजन कर रहे हैं।
दिल्ली वाले यह देखकर हैरान हैं कि दो करोड़ से अधिक की आबादी वाले शहर की सरकार एक छोटे से सभागार में रामलीला का आयोजन कर रही है, यह छलावा है। प्रदेश भाजपा के प्रवक्ता प्रवीण शंकर कपूर ने कहा कि इतने छोटे स्तर पर रामलीला का आयोजन करके दिल्ली सरकार अयोध्या में श्रीराम मंदिर बनने पर खुशी दिखाने का दिखावा कर रही है।