पेशावर: पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में बम ब्लास्ट की एक घटना में तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान का एक कमांडर यासीन उर्फ अब्दुल्ला मारा गया। रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह घटना तिराह घाटी में उस समय हुई जब यासीन एक ड्रोन के जरिए बम लॉन्च करने की कोशिश कर रहा था। सूत्रों के मुताबिक, बम पहले ही गलती से गिर गया और विस्फोट हो गया, जिससे यासीन की मौके पर ही मौत हो गई। इस हादसे में उसके 2 साथी भी घायल हुए हैं।
आतंकियों का गढ़ रहा है यह इलाका
यह घटना खैबर जिले की तिराह घाटी में हुई, जो अफगानिस्तान की सीमा से सटी है। यह इलाका लंबे समय से आतंकवादी गतिविधियों का गढ़ रहा है। बता दें कि तिराह में TTP, लश्कर-ए-इस्लाम और अंसार-उल-इस्लाम जैसे आतंकी संगठनों की मौजूदगी के कारण अक्सर हिंसा और गोलीबारी की खबरें आती रहती हैं। सूत्रों ने बताया कि यासीन ने 24 मई को औपचारिक रूप से TTP में शामिल होने की घोषणा की थी और वह इस इलाके में संगठन की गतिविधियों को लीड कर रहा था।
तिराह घाटी में बना हुआ है तनाव
पाकिस्तानी सुरक्षा बलों ने तिराह घाटी में आतंकवाद के खिलाफ अपनी कार्रवाई तेज कर दी है। पिछले एक महीने में 22 आतंकवादियों को मार गिराया गया है। सेना ने खुफिया जानकारी के आधार पर कई ऑपरेशन किए, जिनमें आतंकियों के ठिकाने और हथियारों के जखीरे को नष्ट किया गया। तिराह में हाल के दिनों में बम विस्फोट और आम नागरिकों पर हमलों की घटनाएं भी बढ़ी हैं, जिससे इलाके में तनाव बना हुआ है।
तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान क्या है?
तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान एक प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन है, जो पाकिस्तान और अफगानिस्तान की सीमा पर सक्रिय है। यह संगठन सरकार के खिलाफ हिंसक गतिविधियों, बम विस्फोटों और सुरक्षा बलों पर हमलों के लिए कुख्यात है। TTP का मकसद पाकिस्तान में शरिया कानून लागू करना है और यह अक्सर नागरिकों और सैन्य ठिकानों को निशाना बनाता है। पाकिस्तान की सरकार और सेना इस संगठन के खिलाफ लगातार कार्रवाई कर रही हैं।