नई दिल्ली (दया शंकर चौधरी)। केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने बुधवार को लोकसभा (Lok Sabha) में त्रिभुवन सहकारी यूनिवर्सिटी विधेयक, 2025 (Tribhuvan Cooperative University Bill, 2025) पर चर्चा का जवाब दिया। चर्चा के बाद सदन ने विधेयक पारित कर दिया। सदन में चर्चा का जवाब देते हुए शाह ने कहा कि आजादी के 75 वर्षों बाद आज देश को पहला सहकारिता विश्वविद्यालय (First Cooperative University) मिल रहा है। इस विधेयक के पारित होने के बाद ग्रामीण अर्थव्यवस्था सुदृढ़ होगी, स्वरोजगार और छोटी उद्यमिता का विकास होगा, सामाजिक समावेशिता बढ़ेगी और नवाचार तथा अनुसंधान में कई नए मानक स्थापित करने के अवसर भी मिलेंगे।
अमित शाह ने कहा कि इस सहकारी विश्यविद्यालय का नाम त्रिभुवन सहकारी विश्वविद्यालय रखने का निर्णय लिया गया। त्रिभुवन दास पटेल, सरदार पटेल जैसे महान नेता के सानिध्य में रहकर भारत में सहकारिता की नींव डालने वाले व्यक्तियों में से एक थे। अमूल त्रिभुवन जी के विचार की ही देन है। श्री शाह ने कहा कि पूंजीरहित व्यक्ति को उद्यमिता के साथ जोड़ने का एकमात्र रास्ता कोऑपरेटिव है। सहकारिता के माध्यम से छोटी पूंजी वाले करोड़ों लोग साथ आकर उद्यम कर रहे हैं, सम्मानपूर्वक जी रहे हैं और स्वरोजगार प्राप्त कर रहे हैं।
अमित शाह ने कहा कि सहकारिता एकमात्र ऐसा क्षेत्र है जो 130 करोड़ लोगों को स्वरोजगार के माध्यम से देश के विकास के साथ भी जोड़ता है और उनके सम्मान की रक्षा भी करता है। प्रधानमंत्री मोदी ने किसानों, ग्रामीणों, कोऑपरेटिव नेताओं की दशकों से लंबित मांग को पूरा करते हुए साढ़े तीन साल पहले सहकारिता मंत्रालय का गठन किया। सहकारिता मंत्रालय के गठन के बाद सहकारिता के विकास का एक नया अध्याय शुरू हुआ है। केन्द्रीय सहकारिता मंत्री ने कहा कि आज भारत में 8 लाख सहकारी समितियां हैं और 30 करोड़ व्यक्ति इनके सदस्य हैं। एक प्रकार से देश में हर पांचवा व्यक्ति कोऑपरेटिव से जुड़ा है, लेकिन 75 साल से इसके विकास के लिए कोई प्रयास नहीं किया गया था।
श्री शाह ने कहा कि देश में 2 लाख नई प्राथमिक कृषि ऋण समितियाँ (PACS) बनाई जाएंगी और देश में एक भी पंचायत ऐसी नहीं रहेगी जहां पैक्स नहीं होगा। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने पैक्स के बायलॉज़ बदलने का निर्णय लिया और कश्मीर से कन्याकुमारी और नॉर्थईस्ट से द्वारका तक पूरे देश ने मॉडल बायलॉज़ को स्वीकार किया। उन्होंने कहा कि गवर्नमेंट ई मार्केटिंग (GeM) पर खरीद के लिए 550 से अधिक सहकारी समितियां ऑनबोर्ड हो चुकी हैं। अमित शाह ने कहा कि मोदी सरकार ने राष्ट्रीय स्तर की तीन नई सहकारी समितियां बनाने का काम किया है जो बैकवर्ड और फॉरवर्ड लिंकेज का काम करेंगी।
केन्द्रीय सहकारिता मंत्री ने कहा कि त्रिभुवन सहकारी यूनिवर्सिटी कोऑपरेटिव क्षेत्र के विकास और विस्तार के लिए प्रशिक्षित मानव संसाधन की जरूरत को पूरा करने का काम करेगी। इसके डिप्लोमा और डिग्री धारकों को नौकरी मिलेगी। इस यूनिवर्सिटी से हम डोमेस्टिक के साथ ग्लोबल वैल्यू चैन में भी बड़ा योगदान करेंगे। न्यू एज कोऑपरेटिव कल्चर भी इस यूनिवर्सिटी से शुरु होगा।