CAA को लेकर देश में विपक्षी पार्टियां जहां इसके खिलाफ लामबंद है वहीं नेताजी सुभाषचंद्र बोस के पोते और पश्चिम बंगाल में भाजपा के उपाध्यक्ष चंद्र कुमार बोस ने एक बार फिर CAA पर सवाल उठाया है। उन्होंने कहा कि एक लोकतांत्रिक देश में नागरिकों पर कोई अधिनियम थोपा नहीं जा सकता। उन्होंने यह भी कहा कि अधिनियम में थोड़े से संशोधन से विपक्ष का पूरा अभियान फेल हो जाता।
बोस ने कहा, ‘जब एक विधेयक अधिनियम के रूप में पारित हो जाता है तो, कानूनी तौर पर यह राज्य सरकारों के लिए बाध्यकारी है। लेकिन एक लोकतांत्रिक देश में आप अपने देश के नागरिकों पर किसी भी अधिनियम को थोप नहीं सकते हैं।’
उन्होंने आगे कहा, ‘मैंने अपने पार्टी नेतृत्व को थोड़े से संशोधन का सुझाव दिया था, उससे विपक्ष का पूरा अभियान फेल हो जाता। हमें विशेष रूप से यह बताने की आवश्यकता है कि CAA उत्पीड़ित अल्पसंख्यकों के लिए है, हमें किसी धर्म का उल्लेख नहीं करना चाहिए।’ उन्होंने कहा कि हमारा दृष्टिकोण अलग होना चाहिए। इससे पहले भी बोस CAA को लेकर सवाल उठा चुके हैं।
उन्होंने ट्वीट कर कहा था, ‘यदि CAA 2019 किसी धर्म से जुड़ा नहीं है तो क्यों हम हिंदू, सिख, बौद्ध, ईसाइयों, पारसियों और जैन लोगों पर ही जोर दे रहे हैं। क्यों मुस्लिमों को शामिल नहीं किया जाता? हमें पारदर्शी बनना चाहिए। यदि मुस्लिमों के साथ उनके गृह देश में उत्पीड़न नहीं होगा तो वे नहीं आएंगे, इसलिए उन्हें शामिल करने में कोई नुकसान नहीं है।’