बछरावां/रायबरेली। स्थानीय कस्बा स्थित सीएचसी के अंदर चल रहा महिला प्रसूति गृह में तैनात डॉक्टर तथा अन्य स्टाफ पूरी तरह गंदगी का अंबार एकत्रित करने में लगे हुए हैं। प्रधानमंत्री मोदी द्वारा स्वच्छ भारत मिशन चलाया जा रहा है जिसके अंतर्गत अधिकारी से लेकर मंत्री तक आए दिन कहीं ना कहीं झाड़ू लगाते हुए दिखाई पड़ जाते हैं परंतु इन सबसे बेखबर इस प्रसूति गृह के कर्मचारी अपने अस्पताल परिसर के पीछे प्लास्टिक की थैलियों में बांध बांध कर गंदगी का ढेर लगा रहे हैं।इन प्लास्टिक थैलियों में रक्त रंजित वस्त्रों से लेकर प्रसव संबंधी पूरी गंदगी भर कर फेंक दिया जाता है।
मौजूदा समय में अगर इसे एकत्रित किया जाए तो कम से कम एक ट्रक कचड़ा निकलेगा। जबकि इस प्रसूति गृह के अंदर कम से कम आधा दर्जन महिला सफाई कर्मी है। इस प्रसूति गृह का आलम यह है कि जब कभी किसी अधिकारी का दौरा होता है तो परिसर के अंदर सामने के हिस्से में सफाई से लेकर चूने तक का छिड़काव किया जाता है परंतु अस्पताल के पीछे पूरी तरह कूड़ाघर बना दिया गया है। कूड़ा एकत्रित होने का कारण महिला सफाई कर्मियों कि काम चोरी बताई जा रही है।
अगर उन्हें इसको लेकर बाहर जाना पड़े तो इसमें मेहनत लगेगी अस्पताल में मौजूद प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर जैसल का आदेश मानने के लिए कोई तैयार नहीं नही होती प्रसूति गृह के अंदर लगभग आधा दर्जन डॉक्टर तैनात है उनमें कोई खुद को विधायक की बेटी बताती है तो कोई सांसद की भतीजी कुछ तो ऐसी है जो स्वयं को सीधे स्वास्थ्य मंत्री से परिचित बता कर इंचार्ज को खौफ में लेने का प्रयास करती हैं नियम तो यह है कि इन महिला डाक्टरों में क्रमवार रात्रिकालीन ड्यूटी भी देनी चाहिए परंतु शाम 5 बजते ही सब के सब डॉकटर लखनऊ रवाना हो जाती है।
क्षेत्र के बौद्धिक वर्ग का कहना है कि आगे बरसात का मौसम आ रहा है जैसे ही पानी गिरेगा अस्पताल के पीछे एकत्रित यह कूड़ा भयंकर बीमारियों को जन्म देगा और अस्पताल में भर्ती होने वालों का जीवन खतरे में पड़ जाएगा।स्वास्थ्य विभाग के नियमों के अंतर्गत जहां नवजात शिशु रखे जाते हैं वहां पूरी तरह से साफ सफाई होनी अति आवश्यक है।देखना यह है की इंचार्ज महोदय इस दिशा में कोई ठोस कदम उठाते हैं या नहीं फिलहाल इस संदर्भ में जब विचार से फोन पर वार्ता करने का प्रयास किया गया तो उनसे संपर्क नहीं हो पाया।
रिपोर्ट-दुर्गेश मिश्रा