पाकिस्तान और चीन के बीच नए परमाणु समझौते को लेकर दुनिया भर के एक्सपर्ट्स का मानना है कि यह दुनिया को नए सिरे से परमाणु संघर्ष की ओर धकेल देगा।
बता दें कि 8 सितंबर को पाकिस्तान एटॉमिक एनर्जी कमीशन (PAEC) और चीन झोंगयुआन इंजीनियरिंग सहयोग द्वारा गहन परमाणु ऊर्जा सहयोग पर रूपरेखा समझौते पर हस्ताक्षर किए गए थे। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक़ यह समझौता अगले 10 सालों तक के लिए वैध रहेगा।
चीन और पाकिस्तान के बीच परमाणु सहयोग साल 1986 से चला आ रहा है। चीन ने सालों से पाकिस्तान के लिए टेक्नोलॉजी और सामग्री की आपूर्ति के लिए कई समझौते किए हैं।
सितंबर 2021 का समझौता इसी सहयोग का विस्तार है जिससे अतिरिक्त यूरेनियम, न्यूक्लियर वेस्ट मैनेजमेंट, न्यूक्लियर टेक्नोलॉजी एप्लीकेशंस की स्थापना करके पाकिस्तान की न्यूक्लियर इंडस्ट्री चेन को मजबूत करने में मदद मिलती है।