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किडनी-लिवर की 40 फीसदी बीमारियों के लिए ये हैं दो प्रमुख कारण, ज्यादातर भारतीय इसके शिकार

किडनी और लिवर हमारे शरीर के दो सबसे प्रमुख अंग हैं। किडनी जहां रक्त को फिल्टर करके उससे अपशिष्टों को बाहर निकालने, शरीर में रसायनों-द्रव के संतुलन को ठीक रखने में मदद करती है, वहीं लिवर रक्त में अधिकांश रासायनिक स्तरों को नियंत्रित करता है और पित्त नामक उत्पाद का उत्सर्जन करता है। भोजन के पाचन को ठीक रखने में भी लिवर की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। शरीर को स्वस्थ रखने और विषाक्तता को दूर करने के लिए इन दोनों अंगों का ठीक रहना जरूरी है।

स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, पिछले कुछ वर्षों में जिन अंगों से संबंधित बीमारियों को सबसे ज्यादा बढ़ते देखा गया है, किडनी-लिवर उनमें से एक हैं। लाइफस्टाइल और आहार में गड़बड़ी के अलावा बढ़ती शारीरिक निष्क्रियता और धूम्रपान-शराब की आदत को इसका प्रमुख कारण माना जा रहा है।

धूम्रपान-शराब का सेवन सबसे खतरनाक

स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, किडनी और लिवर दोनों की बढ़ती समस्याओं के लिए धूम्रपान-शराब पीने की आदत को जोखिम कारक पाया गया है, ये इन दोनों अंगों की 40 फीसदी से अधिक बीमारियों के लिए जिम्मेदार हैं। भारतीय आबादी में बड़ी संख्या में लोग इस गड़बड़ आदत के शिकार हैं। किडनी और लिवर की दिक्कतें न सिर्फ शारीरिक स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाती हैं, साथ ही इसके जानलेवा दुष्प्रभावों का भी खतरा रहता है, इसलिए जरूरी है कि इस आदत से समय रहते दूरी बना लिया जाए।

धूम्रपान से होने वाले नुकसान

धूम्रपान, किडनी-लिवर दोनों अंगों को कई तरह से गंभीर रूप से नुकसान पहुंचा सकती है। इतना ही नहीं इससे किडनी के कैंसर का जोखिम भी बढ़ सकता है। धूम्रपान आपके हृदय और रक्त वाहिकाओं को नुकसान पहुंचाती है, जिससे किडनी में रक्त का प्रवाह बाधित हो जाता है और किडनी की दिक्कतें भी बढ़ सकती हैं। इसी तरह से धूम्रपान करने वाले लोगों के लिवर में वसा के निर्माण और लिवर में सूजन का भी खतरा अधिक देखा जाता रहा है। इस तरह के दुष्प्रभावों को कम करने के लिए धूम्रपान छोड़ना एक प्रभावी तरीका हो सकता है।

शराब से हो सकती हैं गंभीर बीमारियां

धूम्रपान की ही तरह से शराब के कारण भी लिवर-किडनी से संबंधित गंभीर बीमारियों के विकसित होने का जोखिम रहता है। अल्कोहल का अधिक सेवन करने वाले लोगों में समय के साथ लिवर सिरोसिस और लिवर कैंसर जैसी गंभीर और जानलेवा बीमारी के विकसित होने का खतरा हो सकता है। लिवर की ही तरह शराब के कारण किडनी पर भी नकारात्मक असर हो सकता है। अत्यधिक शराब के सेवन से किडनी में तरल पदार्थ, इलेक्ट्रोलाइट का संतुलन बाधित हो सकता है। शराब पीने वाले लोग किडनी से संबंधित कई गंभीर समस्याओं के प्रति संवेदनशील हो जाते हैं।

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