रूस-युक्रेन युद्ध लगातार जारी है. जब से यह युद्ध शुरू हुआ था तब से लगभग हर देश ने दोनों देशों के बीच मध्यस्थता कराने की कोशिश की है. लगातार चल रही जंग के कारण दोनों देशों में हालात खराब हैं. इस बीच यूएई ने दोनों देशों में बड़ा समझौता कराया है जिसके तहत दोनों देशों के सैकड़ों सैनिक लंबे समय बाद घर लौटे हैं.
रूस-युक्रेन में लगातार 23 महीने से जंग जारी है. इसमें दोनों देशों के हजारों सैनिक अपनी जान गंवा चुके हैं. आम नागरिकों ने भी इस जंग में ना जानें कितने अपनों को खोया जिनमें बच्चे और महिलाएं भी शामिल थीं. बावजूद इसके यह जंग रुकने का नाम नहीं ले रही. कई देशों की ओर से प्रयास किया गया, लेकिन रूस-यूक्रेन युद्ध को कोई नहीं रोक सका. लेकिन इसी बीच संयुक्त अरब अमीरात यानी यूएई ने वह कर दिखाया है, जिसे अभी तक कोई देश नहीं कर सका. यूएई ने रूस और यूक्रेन के बीच एक अहम समझौता कराया है. इस समझौते के तहत दोनों देशों के सैकड़ों सैनिक लंबे समय बाद घर लौटे हैं.
कैसे हुआ समझौता
रूस और यूक्रेन ने बुधवार को संयुक्त अरब अमीरात की मध्यस्थता से हुए एक समझौते पर हस्ताक्षर किया. इस समझौते के तहत सैकड़ों युद्धबंदियों की अदला-बदली की गई. यूक्रेनी अधिकारियों ने माना कि यूएई की मध्यस्थता की वजह से हुए अहम समझौते के बाद 230 यूक्रेनियाई युद्ध बंदी रूस से घर लौट आए. वहीं रूस के भी लगभग 248 सैनिकों को यूक्रेन की कैद से आजादी मिली. घर लौटने वाले सैनिकों ने युएई का धन्यवाद किया. इतने वक्त बाद अपने लोगों को देखकर दोनों देशों के युद्धबंधियों के चहरें खिल उठे.
युक्रेन-रूस विवाद
रूस और यूक्रेन के बीच पिछले 23 महीनों से जंग जारी है. फरवरी 2022 में रूसी सेना ने यूक्रेन में विशेष सैन्य कार्रवाई करने का एलान कर दिया. उनके इस एलान के बाद यूक्रेन की राजधानी कीव सहित देश के अन्य हिस्सों में धमाके गूंजने लगे. पुतिन की ओर से यह कार्रवाई मिंस्क शांति करार को समाप्त करने और यूक्रेन के दो अलगाववादी क्षेत्रों में सेना भेजने के एलान के बाद हुई थी. रूस की ओर से इन क्षेत्रों में सेना भेजने की वजह शांति कायम करना बताया गया.