संसदीय कार्य मंत्रालय ने सोमवार को घोषणा की कि संसद का शीतकालीन सत्र 18 नवंबर से 13 दिसंबर तक चलेगा. मंत्रालय ने संसद के दोनों सदनों के सचिवालयों को निर्णय लेने के लिए सूचित किया है. जम्मू और कश्मीर से धारा 370 हटाने के बाद यह 20 दिन का पहला सत्र होगा. माना जा रहा है कि इस सत्र में विपक्ष घाटी में संचार सेवाएं बंद करने और अर्थव्यवस्था में मंदी जैसे मुद्दों को उठा सकता है.
इस सत्र में सरकार से नागरिकता (संशोधन) विधेयक पेश कर सकती है. इसमें बांग्लादेश, अफगानिस्तान और पाकिस्तान के मुस्लिम बहुल देशों से हिंदुओं, बौद्धों, सिखों, जैनियों, पारसियों और ईसाइयों को नागरिकता देने के 1955 के कानून में संशोधन का प्रयास है. यह पिछली लोकसभा द्वारा पारित किया गया था, लेकिन राज्यसभा में इसे पेश नहीं किया गया था.
लोकसभा का कार्यकाल मई में समाप्त होने के बाद बिल पास हो गया लेकिन जुलाई में बजट सत्र में पेश नहीं किया गया. इस सत्र के दौरान कई अन्य बिल भी पेश किये जा सकते हैं. पिछले साल शीतकालीन सत्र 11 दिसंबर को शुरू हुआ था और 8 जनवरी तक चला था.