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महात्मा गांधी के विचार आज भी प्रासंगिक है- राज्यपाल

लखनऊ। राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहा कि महात्मा गांधी ने सत्य और अहिंसा का जो मार्ग दिखाया, वह आज भी प्रासंगिक है। वह सत्याग्रह व सविनय अवज्ञा के सहारे अत्याचार के खिलाफ बिगुल बजाने वाले देश के पहले महापुरुष थे। उन्होंने अपने जीवन को पूर्ण सादगी से बिताया। लोगों को अपनी आवश्यकताओं को कम करने का उपदेश दिया. अपने प्रवचनों में सदैव लोगों की भलाई के बारे में ही जनमानस को सोचते रहने के लिए आग्रह किया।

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आनन्दी बेन पटेल ने शहीद दिवस पर आज राजभवन स्थित गांधी सभागार में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के चित्र पर श्रद्धा सुमन अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। उन्होंने कहा कि गांधी जी का सीधा सरल जीवन इनकी मां से प्रेरित था। उनका पालन पोषण वैष्णव मत को मानने वाले परिवार में हुआ। परिणामस्वरूप उनके जीवन पर अहिंसा और सत्य का गहरा प्रभाव पड़ा। आज हमारी सच्ची श्रद्धांजलि गांधी जी के प्रति यही होगी कि हम अपने महापुरूषों से जुड़ी पुस्तकों का निरंतर अध्ययन करें और उनमें समाहित अनमोल विचारों को अपने जीवन में आत्मसात करते हुए बच्चों को भी शिक्षित करें, ताकि वे बड़े होकर गांधी जी तथा अन्य महापुरूषों के उत्कृष्ट कार्यों से प्रेरित होकर एक बेहतर इंसान बन सके।

राज्यपाल ने कहा कि आजादी को बनाये रखना और देश को विकास के मार्ग पर आगे ले जाना हम सबका कर्तव्य है। इसके लिए हमें अपने बच्चों के मन में अच्छे विचारों का संचार करना होगा. उन्हें शिक्षाप्रद पुस्तकों को पढ़ने की आदत भी डलवाना होगा। हम सभी को महापुरूषों एवं शहीदों के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर केन्द्रित पुस्तकें जिसका नाम ‘काला पानी’ है, उसे अवश्य पढ़ना चाहिए, जिससे हम सबको शहीद हुए देश भक्तों के बारे में विस्तृत जानकारी प्राप्त हो सके। इस अवसर पर हमें यह संकल्प लेना होगा कि हम अपने जीवन में ऐसे कार्य करें, जिससे लोगों का भला होता रहे।

उन्होंने कहा कि प्रतिदिन हम सबको महानुभावों एवं शहीदों के जीवनवृत से संबंधित किसी भी अमुक पुस्तक का अध्ययन अवश्य करना चाहिए, ताकि आने वाली पीढ़ियां देश पर प्राण न्यौछावर करने वाले शहीदों के विचारों एवं कृत्यों से प्रेरित होकर अपना जीवन भी अमूल्य बना सकें एवं देश में अपने व्यक्तित्व की अमिट छाप छोड़ सकें। उन्होंने कहा कि इस सन्दर्भ में जो परिवार व बच्चे सबसे अधिक पुस्तकों का अध्ययन करेंगे, उन्हें 15 अगस्त के दिन सम्मानित करने के साथ ही उनके परिवार के व्यक्ति को स्पीच देने का अवसर भी प्रदान किया जायेगा ताकि उनके बहुमूल्य विचारों से हम सभी अभिभूत कर सके।

इस अवसर पर राज्यपाल के विधिक परामर्शी प्रशान्त मिश्रा ने कहा कि आज हम सब अपने प्रिय बापू की पुण्यतिथि के अवसर पर कुछ ऐसे संकल्प लें, जिनसे मानव जगत का कल्याण हो सके। उन्होंने कहा कि बापू एक ऐसे संत थे जो कहते थे उसे अक्षरशः पूरा करते थे। उन्होंने अपने जीवन में सदैव सहज एवं साधारण रहकर बड़े-बड़े असहज कार्यों को पूरा कर दिया। वे सहजता की साक्षात प्रतिमूर्ति थे।
श्रद्धांजलि सभा में राजभवन परिवार के बच्चों ने बापू के प्रिय भजन प्रस्तुत किये। कार्यक्रम में राजभवन के समस्त अधिकारी एवं कर्मचारियों ने दो मिनट का मौन धारण कर पूज्य गांधी जी को अपनी श्रद्धांजलि दी।

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