लखनऊ। नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के विरोध में तृणमूल कांग्रेस के कुछ राजनीतिक नेता लखनऊ आने वाले थे लेकिन धारा 144 लागू होने के कारण उन्हें इजाजत नहीं दी गई। उत्तर प्रदेश के डीजीपी ओपी सिंह ने बताया, ष्हमें पता चला है कि तृणमूल कांग्रेस के कुछ राजनीतिक नेता यहां (लखनऊ) आना चाहते हैं। हम उन्हें इसके लिए अनुमति नहीं देंगे क्योंकि क्षेत्र में धारा 144 लागू है और यह माहौल को और अधिक तनावपूर्ण बना सकता है।ष्
इसके अलावा डीजीपी ने आगे बताया कि 879 लोगों को गिरफ्तार किया गया है और राज्य भर में लगभग 5,000 लोगों के खिलाफ प्रतिबंधात्मक कार्रवाई की गई। 135 आपराधिक मामले अब तक दर्ज किए गए हैं और 288 पुलिस कर्मियों को चोटें आई हैं जबकि 15 लोग हताहत हुए हैं।
वहीं, आज लखनऊ के डीएम अभिषेक प्रकाश ने कहा कि अदालतों के दिशा-निर्देशों के अनुसार, जिसमें प्रदर्शन हिंसक हो जाता है और नुकसान पहुंचाते हैं उन्हें उत्तरदायी माना जाता है। एडीएम के अधीन क्षेत्रों का सीमांकन किया गया है। 7 दिन के नोटिस देने के बाद मुआवजे के लिए संपत्तियों के मूल्य का आकलन किया जाएगा।
बता दें कि बीते गुरुवार को लखनऊ में हुए भारी बवाल हुआ था। इस बवाल व पथराव में 70 से अधिक लोग घायल हो गए जिसमें से 15 पुलिसकर्मी थे। घायल पुलिसकर्मियों में एडीजी जोन एसएन साबत, एएसपी ट्रैफिक पुर्णेन्दु सिंह, सात सब इंस्पेक्टर शामिल हैं। अन्य घायलों में राहगीर, उपद्रवी हैं।